Bistar Gila na Karne ke Upay: अक्सर आपने सुना होगा कि बच्चों ने रात में बिस्तर गीला कर दिया और इसपर घर में उसे कसकर डांट सुनने को मिलती है। 0 से 2 साल तक के बच्चे तो कुछ नहीं बता सकते लेकिन अगर उसके बाद भी आपका बच्चा बिस्तर गीला कर देता है तो इसमें उसे अक्सर लोग डांटने और कभी-कभी मारने भी लगते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि भोले-भाले बच्चे ऐसा जानबूझकर नहीं करते बल्कि उनसे ऐसा हो जाता है। उन्हें समझने की कोशिश करें और इस समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिश करिए। यहां हम आपको इसी के कारण और उपाय बताएंगे।
आखिर क्यों करते हैं बच्चे बिस्तर गीला? [Kyu Karte Hai Bache Bistar Gila]
बिस्तर गीला करना शिशुओं और छोटे बच्चों के बीच एक बड़ी समस्या है जो लगभग हर किसी को झेलनी पड़ी। सोते समय वे पेशाब कर देते हैं लेकिन 6 साल की उम्र से ज्यादा के बच्चों का बिस्तर गीला करना निराशा लाता है। ऐसा अक्सर छोटे ब्लैडर, ब्लैडर परिपक्वता, ज्यदाा यूरिन उत्पादन, यूरीन मार्ग में संक्रमण, तनाव, पुरानी कब्ज और हार्मोन असंतुलन होने के कारण हो जाता है। कुछ बच्चे गहरी नींद में सोते हैं और उनके मस्तिष्क को ब्लैडर के भरे होने का संकेत नहीं मिल पाता है। अगर आप भी अपने बच्चे की इस तरह की समस्या से परेशान हैं तो आपको डांटना या नाराजगी नहीं बल्कि समझदारी से काम लेना चाहिए। वैसे बिस्तर गीला करने के ये मुख्य कारण होते हैं..
- रात में ना जग पाना
- मूत्राशय के नियंत्रण में देरी होना
- नाक संबंधित अवरोध अथवा गहरी नींद
- मनोवैज्ञानिक समस्या
- आनुवांशिकी कारण
- कब्ज
इसके लिए करें आयुर्वेदिक नुस्खे [Bistar Gila na Karne ke Upay]
रात में सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ पाउडर के रूप में आयुर्वेदिक औषधि शसर्पा का सेवन करना अच्छा होता है। ये पता करने का प्रयास करें कि आपके बच्चे को पर्याप्त नींद मिल रही है या नहीं। सोने का सही समय निर्धारित करिए और किसी भी तरह बच्चे को सोने से पहले पेशाब करने को बोलिए। ऐसी आदत बनने के बाद उनका बिस्तर गीला करना बंद हो जाएगा। इसके अलावा एक तवे पर धनिये के बीज को भून लें और उसके भूरा होने तक भूने। इसमें एक चम्मच अनार के फूल, तिल और बबूल की गोंद मिलाकर मिश्रण बना लें। फिर इसका चूरन बनाकर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिला लें और सोते समय बच्चे को ये दें। बच्चे को आलू, हरा चना, चाय, कॉफी और मसालेदार खाना जैसी चीजों से बचाएं। इनका सेवन ना करने दे और सोने से कुछ घंटे पहले तक किसी भी तरह का तरल पदार्थ नहीं दें। सोने से तीन घंटे पहले बच्चे को पेशाब करने के लिए जोर दें। फिर उसके सोने के दो या तीन घंटे बाद का अलार्म लगाकर उन्हें फिर से पेशाब करवाएं। कभी-कभी परिवार के किसी सदस्य या प्रिय की मृत्यु, माता-पिता का संबंध खराब होने से बच्चों में तनाव पैदा होता है और इस वजह से भी बच्चे रात में बिस्तर गीला कर देते हैं।
बच्चे की भावनाओं को समझे और उनसे जूझने के लिे सकारात्मक कदम उठाएं, इससे पहले वे भावनाएं तनाव में बदलें नींद में मूत्रत्याग के जरिए निकल जाएं। हर दिन के आहार में अम्लाकी, अदरक, अजवाइन, जीरा, पुदीना और तुलसी जैसी चीजें शामिल करें। ब्राह्मी, शंखपुष्पी, जतमंसी जैसी चीजें तनाव कम करने वाली औषधियां हैं जो असरदार होती हैं। सोने से पहले एक चम्मच शहद का प्रयोग करें इससे भी नींद में बिस्तर गीला करने में नियंत्रण पाया जा सकता है, हालांकि इन औषधियों का प्रयोग करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह ले सकते हैं।