पूरी दुनिया के लोग इस वक्त कोरोनावायरस की चपेट से पूरी तरह उबर भी नहीं पाए थे कि अब एक नए वायरस का हमला हो चुका है जिसने दुनिया को सकते में डाल दिया है. इस बीमारी को हम लोग Nose Bleed fever के नाम से जानते हैं. Nose Bleed Fever के कारण और लक्षण(Nose Bleed Fever Ke karan or Lakshan) जैसे तैसे लोग करोना की दहशत से उबर रहे थे कि अब मंकीपॉक्स और नोजब्लीड फीवर ने दुनिया भर के साइंटिस्ट और डॉक्टरों के होश उड़ा कर रख दिए है. दरअसल इस समय इराक में एक ऐसे खतरनाक नए वायरस के बारे में पता चला है जिसका हमला होते ही पीड़ित व्यक्ति को बुखार के साथ-साथ नाक से खून भी बहने लगता है जिससे लोगों की मौत तक हो रही है.
क्रीमियन कांगो हेमोरेजिक बुखार नाम की इस बीमारी से जूझने वाले हर पांच में से दो लोगों की मौत के मामले दर्ज हुए हैं. हालांकि अगर पर्याप्त समय मिल जाए तो इलाज के दौरान पीड़ित व्यक्ति की जान भी बचाई जा सकती है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक क्रीमियन कांगो हेमरेजिक बुखार की वजह से इस साल कुल 111 मामलों में से 19 मौतें हुई है. हैरानी की बात यह है कि इस वायरस की रोकथाम के लिए अभी तक कोई टीका नहीं बन पाया है. विशेषज्ञों के अनुसार टीका ना आने की वजह से यह बीमारी तेजी से फैल सकती है.
कैसे फैल रहा है Nose Bleed Fever?
The World Organization for Animal Health ने इस बीमारी को जूनोटिक डिसीज़ माना है, जिसके अनुसार यह एक ऐसी बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है. इस बीमारी के दौरान नाक से ब्लड आने की वजह से इसे नोज ब्लीड फीवर कहा जाता है. वारिस से संक्रमित होने के कारण व्यक्ति में फीवर और गंभीर रक्तस्राव होने लगता है. विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यह बीमारी एक कीट के काटने से फैल रही है. इस तरह के बुखार से पीड़ित होने पर रोगी के शरीर में अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं. दरअसल यह कीट गाय, भैंस या किसी दूसरे जानवरपर बैठने वाले की छोटे कीड़े के काटने की वजह से होती हैं, जो अब तेजी से फैल रही है. खून चूसने वाले कीट संक्रमित जानवरों के रक्त या टिश्यू के संपर्क के ज़रिये से आम लोगों में क्रीमियन कांगो रक्तस्राव फैला रहा हैं.
नोजब्लीड फीवर के लक्षण(Nose Bleed Fever Ke Lakshan) डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस वायरस की वजह से रोगी में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं
- नाक से खून बहना
- सिर दर्द
- तेज बुखार
- आंखों या चेहरे का लाल होना
- पीठ दर्द
- जोड़ों का दर्द
- पेट दर्द
- उल्टी
- तालु पर लाल धब्बे दिखना
- वायरस के संपर्क में आने के बाद व्यक्ति में ऐसे लक्षण करीब 1 से 3 दिन में दिखने लगते हैं. जिसका संक्रमण ज्यादातर 13 दिन तक रहता है ऐसे करें बचाव
- ऐसे कीट काटने वाली जगहों पर जाने से बचे
- पालतू जानवरों की साफ-सफाई समय-समय पर करते रहें जिससे उनका शरीर टिक्स से ग्रसित ना हो पाए
- बाग बगीचों और पेड़ पौधों या खुले स्थानों पर सोने से बचें
- यदि आसपास जानवर हो तो हमेशा कपड़े झाड़ कर पहने
- यह बीमारी छींकने खांसने और खून के संपर्क में आने से भी फैल रही है, इसलिए संक्रमित व्यक्ति और उसके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों से दूर रहें.
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इस बीमारी से ऐसे लोगों को है ज्यादा खतराज्यादातर यह बीमारी ऐसे लोगों में फैल रही है जो पशुओं के संपर्क में ज्यादा रहते हैं जैसे:
- किसानो
- बूचड़खाने के श्रमिक
- पशु चिकित्सक
इस बीमारी की असली वजह पशुओं टिक्स के काटने के कारण फैल रही है और फिर यह बीमारी पशुओं के संपर्क में रहने वाले इंसानों से दूसरे व्यक्तियों में रक्तस्राव अंगों या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के निकटतम संपर्क के जरिए फैल रही है. लेख में बताए गए कारणों लक्षणों और बचाव को ध्यान में रखते हुए इस बीमारी से काफी हद का बचाव किया जा सकता है. इसके अलावा लक्षण(Nose Bleed Fever Ke Lakshan) गंभीर होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.