Safed Musli ke Fayde: भारत में सदियों से आयुर्वेद पद्धति की मदद से इलाज का चलन रहा है। आज के समय में लोग अंग्रेजी दवाइयों के सहारे इलाज तो करते हैं। लेकिन फिर भी आयुर्वेद पद्धति से इलाज की परंपरा भारतवर्ष में आज भी बरकरार है। आयुर्वेदिक औषधियों में ऐसी कई सारी औषधियां है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती हैं। उनमें से एक है सफेद मूसली, यह एक प्रकार का पौधा है जिसमें सफेद रंग के छोटे-छोटे फूल लगते हैं। वैसे तो सफेद मूसली के कई फायदे हैं। लेकिन इसका ज्यादातर इस्तेमाल यौन संबंधी रोगों के इलाज में किया जाता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे कि सफेद मूसली को किन-किन बीमारियों के दौरान प्रयोग में लाया जा सकता है।
वैसे तो सफेद मूसली में कई सारे गुण उपलब्ध होते हैं। यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। सफेद मूसली का सेवन करने से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां कभी नहीं होती हैं। यह शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। शरीर के अंदर अगर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। तो कई सारी छोटी-छोटी बीमारियों से यूं ही छुटकारा मिल जाता है।
मूसली के सेवन से शरीर को ताकत तो मिलता है। साथ ही इससे वजन भी बढ़ने लगता है। अगर कोई व्यक्ति कुपोषण से पीड़ित है या अपना वजन बढ़ाना चाहता है। तो वह जड़ी बूटी का सेवन कर सकता है। यह मानव शरीर को जरूरत के अनुसार पोषक तत्व प्रदान करता है।
कई सारे लोगों को जोड़ों में दर्द और बदन दर्द की शिकायत होती है। वृद्धावस्था में ज्यादातर लोगों को अर्थराइटिस की समस्या परेशान करती हैं। ऐसे में सही मात्रा में अगर मूसली का सेवन किया जाए। तो यह काफी हद तक इस समस्या को कम कर देता है। मूसली में प्रचूर मात्रा में प्रोटीन कैल्शियम कार्बोहाइड्रेट और विटामिन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह शरीर में मौजूद हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
गर्भावस्था के दौरान सफेद मूसली का सेवन करने से महिला और होने वाला शिशु दोनों ही स्वस्थ रहते हैं। गर्भवस्था के बाद भी सफेद मूसली के सेवन से महिलाओं में दूध की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान मूसली का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
सफेद मुसली के अंदर एंटीऑक्सीडेंट, एंटीहाइपरग्लिसमिक और एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं। यह सभी गुण मधुमेंह के मरीज के इलाज के लिए फायदेमंद होते हैं। यहां तक कि सफेद मूसली मधुमेह के दौरान मरीजों को दी जाने वाली एलोपैथिक दवा गिलबेक्लामाइड से भी ज्यादा फायदेमंद है। लेकिन जो मरीज मधुमेह की समस्या से मोटे हो जाते हैं, उन पर इसका असर कम हो सकता है।
मूसली के सेवन से तनाव की समस्या भी दूर होती है। ऐसा कहते हैं की सफेद मूसली में मौजूद पोषक तत्व काफी हद तक तनाव को दूर करते हुए हमारे मस्तिष्क को शांत और स्वस्थ रखते हैं।
जिन पुरुषों में वीर्य की समस्या होती है। अगर वह सफेद मूसली का सेवन करें, तो उनके भीतर वीर्य की गुणवत्ता बढ़ जाती है और ऐसे लोग नपुंसकता की बीमारी से निजात पा सकते हैं। कई बार मधुमेह या अन्य किसी बीमारी की वजह से इरेक्टाइल डिसफंक्शन (इसमें संभोग के दौरान लिंग उत्तेजित नहीं होता) की आशंका होती है, ऐसे में मूसली के सेवन से इसे ठीक किया जा सकता है। इसका प्रभाव स्पर्म काउंट यानी शुक्राणुओं पर भी होता है, जिससे यौन शक्ति बढ़ती है। शीघ्रपतन में भी इसका उपयोग किया जाता है।
सफेद मूसली के सेवन से ना केवल वजन बढ़ाया जा सकता है बल्कि इससे मोटापे को कम करके वजन घटाया भी जा सकता है। अगर आप सफेद मूसली के मदद से वजन कम करना चाहते हैं। तो गर्म पानी में आधा चम्मच मुसली पाउडर मिलाकर उसे सुबह-शाम पीएं इससे आपका वजन काफी हद तक कम हो जाएगा। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं। तो मूसली का सेवन दूध के साथ करें।
सफेद मूसली स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है। जानकारों के मुताबिक इसमें कई सारे पौष्टिक तत्व मौजूद हैं। जिसके कारण यह मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। सफेद मूसली में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, सपोनिन, कैलशियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं।
किसी औषधि के फायदे हैं तो उसके नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए सफेद मूसली का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। डॉक्टर से मशवरा लिए बिना सफेद मूसली का सेवन करना हानिकारक साबित हो सकता है। इससे पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है, कब्ज की परेशानी होती है, भूख मरने लगती है। इसकी तासीर ठंडी होती है इसलिए यह कफ परेशानी को बढ़ा सकता है। साथ ही इसके कारण त्वचा संबंधी समस्या भी हो सकती है।
तो बेहतर है कि सफेद मूसली के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। क्योंकि इसका सेवन शरीर पर निर्भर करता है कि किस व्यक्ति को किस मात्रा में मूसली का सेवन करना चाहिए।
वैसे तो सफेद मूसली खाने के कई सारे तरीके हैं। यह बाजार में कैप्सूल में भी उपलब्ध है। इसके अलावा दूध या शहद के साथ मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है। आप डॉक्टर द्वारा सुझाए गए विधि से भी मूसली का सेवन कर सकते हैं। यह एक बेहद ही उपकारी औषधी है। बशर्ते इसका सेवन सही मात्रा में करना चाहिए। इसे बॉडीबिल्डिंग करने वाले लोग भी लेना पसंद करते हैं। लेकिन इस मामले में भी आपको बता दें कि ज्यादा मात्रा में मूसली का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। तो बेहतर है कि किसी भी हालत में अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…