Diabetes Mein Tarbuj Ke Fayde: डायबिटीज रोगियों को अपने खान-पान में विशेष ध्यान रखना चाहिए.. उन्हें ऐसी चीजें बिल्कुल नहीं खानी चाहिए, जिनमें शुगर हो इसलिए डॉक्टर्स डायबिटिक पेशेंट को मीठे फल खाने से मना करते हैं क्योंकि डायबिटीज के दौरान मीठे फल खाने से शुगर लेवल बढ़ने लगता है. तरबूज भी एक मीठा फल है. गर्मी के मौसम में तरबूज शरीर को हाइड्रेटेड रखने का काम करता है. इस फल में पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में होते हैं इसलिए गर्मियों में लोग इसे खाना बहुत पसंद करते हैं. तरबूज में पाए जाने वाले पोषक तत्व किसी भी इंसान के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं. लेकिन सवाल ये कि क्या तरबूज डायबिटिक पेशेंट खा सकते हैं या नहीं? उनके लिए यह फल खाना वरदान है या अभिशाप..
हर एक फूड ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) होता है जिससे पता चलता है यह खाद्य पदार्थ कितनी जल्दी ब्लड शुगर को प्रभावित करेगा. अगर हम आसान शब्दों में कहें तो जिस खाने की चीज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स जितना कम होगा, उतना ही धीरे ब्लड शुगर आब्ज़र्व होगा. इसी प्रकार तरबूज का (GI) लगभग 72 होता है और आमतौर पर 72 या इससे ज्यादा जीआई वाले किसी भी खाद्य पदार्थ को हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स की कैटेगरी में रखा जाता है. डायबिटीज रोगियों में शुगर लेवल बढ़ने का खतरा हर समय बना रहता है. खासकर ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से मना किए जाते हैं, जिनमें शुगर और ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है. कुछ डायबिटिक पेशेंट को तरबूज खाने की सलाह नहीं दी जाती है, तो वहीं कुछ पेशेंट ऐसे हैं जिन्हें तरबूज खाने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं. क्योंकि हर पेशेंट में डायबिटीज का स्तर अलग-अलग होता है. जिसके अकॉर्डिंग ही उन्हें सलाह दी जाती है कि कौन सी चीजे उन्हें खानी है या कौन सी नहीं.
तरबूज को लेकर डायबिटीज फाउंडेशन का कहना है कि तरबूज में पानी काफी मात्रा में होता है. 120 ग्राम तरबूज़ में ग्लाइसेमिक इंडेक्स तो लगभग 5 होता है इसलिए ताजा तरबूज तो खाया ही जा सकता है. लेकिन अगर डायबिटिक पेशेंट तरबूज का जूस पीना चाहते हैं तो यह उनके लिए अच्छा नहीं. क्योंकि जूस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा हो सकता है. ग्लाइसेमिक लोड, ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा चेक करके देखा जाता है. इसलिए एक्सपर्ट का कहना है कि किसी भी चीज को खाने से ब्लड शुगर कितना बढ़ेगा इसका सही अंदाजा ग्लाइसेमिक लोड से लग जाता है.
इसे ऐसे समझें कि जिन खाने पीने की चीजों का ग्लाइसेमिक लोड 10 से कम है तो वो चीजें लो केटेगरी में मानी जाएगी, 10 से 19 होने पर मीडियम और 19 से ज्यादा होने पर ज्यादा लोड माना जाता है. इसी प्रकार अगर तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 72 के करीब है तो लगभग 100 ग्राम तरबूज का ग्लाइसेमिक लोड 2 होगा. इसका मतलब अगर उचित मात्रा में तरबूज खाया जाए तो डायबिटीज में नुकसान नहीं करेगा. डायबिटीज पेशेंट को ऐसी चीजें खानी चाहिए जिनमें हेल्दी फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में हो. इसलिए उन्हें नट्स, सीड्स जरूर खाना चाहिए. इन चीजों से पेट देरी तक भरा रहता है और ये खाद्य पदार्थ खून में चीनी के पहुंचने के प्रोसेस को भी धीमा रखते हैं.
तरबूज में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे कि विटामिन मिनरल और एंटी ऑक्साइड. जिनकी वजह से तरबूज काफी फायदेमंद फल माना जाता है. इन में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे विटामिन ए, विटामिन b1 और विटामिन बी 6, विटामिन सी, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फाइबर, आयरन, कैल्शियम और लाइकोपिन आदि पाए जाते हैं.
यदि डॉक्टर आपको तरबूज खाने की सलाह दे रहे हैं, तो ऐसे मधुमेह रोगियों (Diabetic Patient) को नाश्ता के समय, भोजन में तरबूज या किसी दूसरे फल को शामिल करना चाहिए. क्योंकि यह आपको हेल्दी फैट्स और प्रोटीन के साथ बैलेंस करता है.
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