Radha Ashtami Kaise Manaye: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राधा आष्टमी हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। यह उत्सव हर साल की भांति इस साल भी बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाएगा। जोकि, कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद आता है। इस साल यह उत्सव 11 सितंबर को मनाया जाएगा। यह महत्वपूर्ण दिन भगवान श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय राधा रानी के लिए समर्पित है। यह शुभ दिन उनके जन्म का प्रतीक माना जाता है। इस दिन राधा रानी के भक्त गण बड़े ही श्रद्धा भाव व उल्लास के साथ उनका जन्म उत्सव मनाते हैं। इस दिन राधा रानी की पूजा अर्चना में भक्त लीन रहते हैं। इस दिन को हम सभी राधा रानी जयंती के नाम से भी जानते है। आज के इस लेख में हम आपको राधा रानी की पूजा के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताएंगे।
राधा अष्टमी के दिन रखे इन बातों का विशेष ध्यान (Radha Ashtami Kaise Manaye)
- राधा अष्टमी के दिन ब्रम्हा मुहूर्त में ही उठाना चाहिए। तभी इसका लाभ आप को मिलेगा।
- इस दिन वृंदावन में होने वाली मंगला आरती में सम्मिलित होना चाहिए।
- राधा अष्टमी के दिन कठोर व्रत रखना चाहिए।
- एसे लोग जो पूरा दिन व्रत नहीं रख सकते व पूजा करके मध्यम काल मे ही अपना व्रत तोड़ सकते हैं।
- भक्त को अपना व्रत केवल राधा रानी को अर्पित किए हूए प्रसाद से ही तोड़ना चाहिए।
- राधा अष्टमी के दिन इस बात का विशेष ध्यान रहें कि, प्याज, लहसुन और मांस का भूलकर भी सेवन न करें।
- राधा अष्टमी के दिन राधा कृष्ण और लड्डू गोपाल का जल अभिषेक करना बहुत ही पुण्य भरा माना जाता है।
- इस दिन माता श्री राधा रानी का विधिवत शृंगार करना चाहिए।
- इस दिन राधा रानी के भजन आवश्य गाएं।
- राधा रानी की पूजा करते समय श्लोक, मंत्रों का जाप अवश्य करें।
- इस दिन ब्राम्हचर्य का पालन अवश्य करें।
- इस दिन किसी भी प्रकार के विवाद से बचें
यह भी पढ़े:- 2024 में कब है राधाष्टमी? क्या रहेगी पूजा की विधि? जान लीजिए इस आर्टिकल में