Badminton Rules in Hindi: सायना नेहवाल, पी.वी सिंधू, पुलेला गोपीचंद, श्रीकांथ किदांबी, ज्वाला गुट्टा, परूपल्ली कश्यप…….. ये सभी नाम अलग अलग लोगों के हैं लेकिन इन सभी नामों में एक बात कॉमन है। ये सभी लोग जुड़े हैं बैडमिंटन के खेल से और अपने खेल के दम पर ही दुनिया भर में ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। बैडमिंटन….दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेलों में शुमार है ये खेल। जो अधिकांश देशों में खेला जाता है। अगर आप इस खेल के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं तो आज हम आपको इस खेल से जुड़ी पूरी जानकारी उपलब्ध करवाएंगे।
बैडमिंटन का खेल कम से कम दो लोगों के बीच खेला जाता है। जिसमें शटलकॉक और रैकेट सबसे अहम होता है। ये खेल 5 प्रकारों से खेला जा सकता है। पुरुष एकल, महिलाओं के एकल, पुरुष युगल, महिलाओं के युगल और मिश्रित युगल।
बैडमिंटन में रैकेट की मदद से दो व्यक्तिओं के बीच शटलकॉक का आदान-प्रदान किया जाता है। एक व्यक्ति नेट के एक तरफ खड़ा होता है और दूसरा नेट के दूसरी तरफ यानि एक दूसरे के आमने-सामने
यदि दोनों में से किसी के द्वारा शटलकॉक को डिलीवर करने में चूक हो जाती है, तो दूसरे प्लेयर को अंक मिल जाता है।
हर मैच कुल 21 अंकों का होता है, एक मैच को तीन भागों में विभाजित किया जाता है, यानि कुल 3 राउंड होते हैं। यदि दोनों टीमों को 20 -20 अंक प्राप्त होते है, तो यह खेल तब तक जारी रहता है, जब तक किसी एक टीम को दूसरी टीम से अधिक अंक प्राप्त नहीं होते है |
यह खेल 29 प्वॉइंट तक जारी रखा जा सकता है, अंत में 29 प्वॉइंट के बाद गोल्डन प्वॉइंट होता है, जो खिलाड़ी इसे जीत लेता है, वही मैच का विनर बनता है।
ये मैच दो महिलाओं या दो पुरूषों के बीच खेला जाता है। जब मैच शुरू होता है और स्कोर 0-0 हो यानि इवन हो तो सर्विस करनेवाला खिलाडी दाहिने कोने से सर्विस करता है। लेकिन अगर स्कोर ड होगा तब सर्विस बाएं कोने से की जाती है। लेकिन जो सर्विस कर रहा है वो अगर सर्विस जीतने में सफल होता है तो वो दूसरे कोर्ट से भी सर्व कर सकता है। लेकिन अगर वो सर्विस बचाने में असफल हुआ तो सर्विस बदल दी जाती है।
बैडमिंटन डबल्स में दोनों तरफ दो-दो महिलाएं, दो -दो पुरूष या फिर दोनों तरफ एक महिला और एक पुरूष हो सकता है। लेकिन सर्विस केवल एक ही खिलाडी कर सकता है। गेम की शुरुआत दाहिने कोने से होती है और हर इवन स्कोर पर सर्विस यहीं से होती है। जबकि ओड़ स्कोर पर कोर्ट के बाएं कोने से सर्विस की जाती है।
1. ओवरहेड डिफेंसिव क्लियर – इसके लिए खिलाडी हवा में उछलना पड़ता है और शटल को पूरे दबाव के साथ विरोधी खेमे की ओर नीचे की तरफ दबाया जाता है।
2. अंडरआर्म डिफेन्स स्ट्रोक – अंडरआर्म डिफेन्स स्ट्रोक में शटल नीचे से ऊपर की ओर जाती है और विरोधी के कोर्ट में गिराई जाती है।
3. द ड्राप शॉट – ये बैडमिंटन के खेल का एक और महत्वपूर्ण शॉट है। डिफेंसिव शॉट के उलट यहाँ पर शटल को कोर्ट के किनारे से मारा जाता है ताकि वें ज्यादा ऊंचाई पर न् जाते हुए विरोधी के खेमे में गिरे।
4. स्मैश – ये शॉट काफी मुश्किल होता है। यहाँ खिलाडी को अपना संतुलन बनाकर रखना पड़ता है। स्मैश का इस्तेमाल अक्सर विरोधी को चौंकाने के लिए किया जाता है।
5. जम्प स्मैश – हवा में उठकर शटल विरोधी के खेमे में नीचे की ओर दबाना जम्प स्मैश कहलाता है। इसे का सबसे खतरनाक शॉट माना जाता है।
6. नेट शॉट – इस शॉट के इस्तेमाल से विरोधी हाई शॉट खेलने पर मजबूर हो जाता है। इसे अटैकिंग शॉट भी कहा जाता है।
7. डिफेंसिव नेट लिफ्ट – इस शॉट का इस्तेमाल तब किया जाता है जब विरोधी नेट के पास बहुत अच्छा खेल रहा हो। नेट किल को रोकने के लिए ये शॉट खेला जाता है।
8. द ड्राइव – इस ड्राइव का इस्तेमाल बड़ी तेज़ी से विरोधी के शरीर पर किया जाता है। ये बहुत तेज़ शॉट होता है जिससे विरोधी को संभलने का मौका नहीं मिलता।
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