Bhutan Tourism in Hindi: भारत के कई मीडिल क्लास फैमिली जब भी विदेश जाने के बारे में सोचते हैं तो अपनी जेब देखकर अपने मन को मार लेते हैं लेकिन मन को मारने से पहले आपको एक बार Bhutan के बारे में पढ़ लेना चाहिए। भूटान भारत और चीन के बीच में बसा एक सुंदर देश है जिसके साथ भरात का काफी मधुर रिश्ता है तो वहां आपको अपने परिवार के साथ जाने में असुरक्षा का भाव भी महसूस नहीं होगा। भूटान की वादियां आपका मन मोह सकती हैं और यहां पर इन जगहों को तो घूमना बिल्कुल नहीं भूलें और इसलिए ही हम आपके लिए Bhutan me Ghumne ki Jagah के बारे में कुछ जानकारियां लेकर आए हैं।
भूटान हिमालय पर बसा हुआ दक्षिण एशिया का एक छोटा सा देश है जो एशिया में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ये देश चीन (तिब्बत) और भारत के बीच में है और सैलानियों के बीच भूटान अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर ये देश सैलानियों को कई रहस्यमई चीजों के बारे में बताता है। जानिए भूटान में घूमने की ये लाजवाब जगहें..
साल 1692 में टाइगर नेस्ट मोनास्ट्री का निर्माण हुआ था। ये भूटान का प्रमुख पर्यटन स्थल है और कई सौ साल पुरानी इस मोस्ट्री को एक बार जरूर देखने जाएं। ऐसा कहा जाता है कि पद्मासम्भवा यहां तीन साल, तीन हफ्ते, तीन दिन और तीन घंटों तक ध्यान में लीन हुए थे। हिमालय की गोद में बसा ये बहुत ही खूबसूरत मठ है जिसे पहाड़ों को काटकर बनाया गया था। सर्दियों के मौसम में ये मठ बर्फ की सफेद चादर ओढ़ लेता है।
महान बुद्ध डोरडेन्मा शाक्यमुनी बुद्ध प्रतिमा स्थित है जो विश्व में बुद्ध की कुछ एक सबसे ऊंची प्रतिमाओं में एक है। इस प्रतिमा की ऊंचाई करीब 169 फीट (51.5Meters) है। ऐसा माना जाता है कि भूटान में बौद्ध धर्म को ज्यादा प्रावधान दिया गया है और यहां पर आधे से ज्यादा लोग गौतम बुद्ध को ही मानते हैं।
भूटान की राजधानी थिंपू भी घूमने लायक है। यह शहर वांगछू नदी के किनारे समुद्रतल से 2400 मीटर की ऊंचाई पर है और शहर के केंद्र में 4 समानांतर सड़कें हैं। यहां मुख्य बाजार, होटल रेस्टोरेंट, शासकीय, कार्यालय, स्टेडियम और खूबसूरत बगीचे आपका मन मोह सकते हैं। इनका निर्माण भूटान की पारंपरिक स्थापत्य शैली में हो रहा है और इससे शहर का पारंपरिक सांस्कृतिक परिवेश को सुरक्षित करता है। बता दें कि भूटान की राजधानी थिंपू में कई दर्शनीय स्थल हैं जो आपको आकर्षित कर सकते हैं।
भूटान में स्थित पुनाखा शहर में स्थित पुनाखा जोन भूटान का सबसे बड़ा और प्रमुख बौद्ध मंदिर माना जाता है। भूटान की 2 प्रमुख नदियों पोछू और मोछू के संगम पर स्थित बौद्ध मंदिर और मठ का निर्माण साल 1637 में हुआ था। इस मंदिर और मठ का निर्माण शबदरूंग नगवांग नामग्याल द्वारा प्रकासकीय कार्यों के संपादन के लिए कराया गया था। इस बौद्ध मंदिर और मठ तक पर्यटक नदी पर पारंपरिक शैली में बने बहुत ही खूबसूरत पुल से होकर ही जाते है और बता दें कि ये पुल खुद में एक दर्शनीय स्थल है।
थिंपू से पुनाखा के रास्ते में करीब 25 किलोमीटर दूर दोलूचा है। समुद्रतल से इस स्थान की ऊंचाई 3,020 मीटर है। यहां पहुंचते ही ठंडी हवा के झोंके आपका स्वागत करेंगे और फिर आपका कैसा भी मूड हो उसे यहां का मौसम मस्त कर सकता है। यहां पर बौद्ध मंदिर और 108 स्तूपों का समूह देखने लायक है और यहां से खुले मौसम में हिमालय की बर्फीली चोटियों का दिलकश नजारा हर पर्यटक का दिल जीत सकता है।
पुनाखा भूटान का एक प्रमुख शहर है जो समुद्रतल से 1300 मीटर की ऊंचाईं पर स्थित है। ये शहर पोछू और मोछू नदियों के किनारे बसा हुआ है इस वजह से भी इस शहर की खूबसूरती बहुत अलग है। पुनाखा थिंपू से 77 किलोमीटर है और यह दर्रा अपने शानदार 108 गुबंदों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ये शहर बहुत ही खूबसूरत माना जाता है और कुछ किलोमीटर में फैला ये शहर आपको शांति, खूबसूरती और आपका मन मोह लेने वाला सुकून दे सकता है।
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