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बीकानेर मे आलीशान महलों के अलावा ये 10 जगह हैं घूमने लायक

Bikaner Me Ghumne Ki Jagah: भारत में कई जगह घूमने के लिए हैं लेकिन राजस्थान की बात ही निराली है। यहां पर दो शहरों जोधपुर और उदयपुर के बारे में तो हमने आपको बता ही दिया है लेकिन यहीं का एक और बड़ा शहर बीकानेर है। वैसे आपने भारत में जगह-जगह Bikaner Sweets के बारे में सुना होगा लेकिन क्या बीकानेर कभी घूमने गए हैं? अगर आपका कभी राजस्थान घूमना हो तो एक बार बीकानेर जरूर जाएं और उसके लिए हम आपको यहां की प्रमुख 10 जगहों के बारे में बताएंगे।

बीकानेर में घूमने की जगह (Bikaner me Ghumne ki Jagah)

जोधपुर से 245 किमी, अजमेर से 262 किमी, जैसलमेर से 329 किमी, जयपुर से 333 कमी, दिल्ली से 435 किमी और उदयपुर से करीब 502 किमी से दूरी पर स्थित है। साल 1486 में राव बिक ने इस शहर की स्थापना की थी और जब उनके पिता राव जोधा ने जोधपुर के शानदार संस्थापक को अपना राज्य स्थापित करने की चुनौती दी थी। राव बिका दूर यात्रा की और जब जंगलदेश नाम के जंगल पर आए तो उन्होंने उस राज्य को स्थापित कर दिया। बीकानेर में भी दुनियाभर से लोग घूमने के लिए आते हैं और अगर आपका भी प्लान है तो एक बार जरूर जाएं।

  • जूनागढ़ का किला (Junagardh fort Bikaner)
Image Source: Rajasthantourplanner

साल 1593 में राजा राय सिंह ने जूनागढ़ किले की स्थापना की थी। इसे आप जूनागढ़ जिले में देखने से कर सकते हैं। यह एक अद्भुत संरचना है जिसमें आप मुगल, गुजराती और राजपूत शैलियों को एक साथ देख पाएंगे। अलग-अलग शैलियों से बने इस किले में अद्भुत खूबसूरती है जिसे लोग देखने आते हैं। किले के अंदर आप अनुप महल, चंद्रा महल, हवा महल, डुंगर महल और दीवान-ए-खास और गंगा महल देख सकते हैं।

  • लालगढ़ पैलेस (Lalgardh palace Bikaner)
Image Source: Flickr

बीकानेर में आने पर आपको एक बार लालगढ़ महल जरूर घूमना चाहिे क्योंकि प्राचीन रचनाओं में एक ये भी है। यह प्राचीन संरचना शहर का सबसे मुख्य आकर्षण माना जाता है और इसे देखने लोग विदेशों से आते हैं। इस महल का निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने साल 1902 में अपने पिता लाल सिंह की याद में बनवाया था। इस महल में भी आप विभिन्न वास्तुकला शैलियों का मिश्रण देखगें। यहां मुगल,यूरोपीय और राजपूत शैली का बेजोड़ मेल देखने को मिलते हैं और ये एक विशाल संरचना है, जहां आप एक बड़ा लॉन, किताबघर, कार्ड देख सकते हैं।

  • नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल (National Research Centre on Camels)
Image Source: Eragenx

बीकानेर में ऐतिहासिक स्थलों के अलावा आप कुछ अलग दर्शनीय स्थल भी घूम सकते हैं। यहां कुछ ही दूरी पर नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल भी है और अगर आप ऊंट देखने के शौकीन हैं तो आपको एक बार यहां जरूर जाना चाहिए। यहां लगभग 400 से जयादा 4 प्रजातियों के ऊंट मिलेगे और बेबी कैमल को भी यहां देखा जा सकता है। बीकानेर ऊंटों के लिए ज्यादा जाना जाता है और ऊंटों को रेगिस्तान का जहाज कहते हैं इसलिए भारतीय आर्मी में भी ऊंटों का इस्तेमाल किया जाता है।

  • श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर (Laxminath Temple)
Image Source Flickr

ऐतिहासिक स्थलों और शोध केंद्रों के अलावा आपको यहां पर श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर जैसा धार्मिक स्थल भी देखने को मिलेगा। ये मंदिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है और इसका निर्माण साल 1526 में बीकानेर के महाराज लुंकारण ने किया था। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी बीकानेर के प्रमुख देवी-देवता माने जाते हैं और इसका निर्माण सफेद संगमरमर और लाल सैंडस्टोन में किया गया है और यहां पर आकर आप आत्मिक और मानसिक शांति की प्राप्ति कर सकते हैं।

  • गंगासिंह म्यूजियम (Ganga Singh Museum)
Image Source Tourismofindia

सभी स्थलों के अलावा आपको यहां एक गंगा सिंह म्यूजियम भी मिलेगा और इसकी स्थापना महाराजा गंगा सिंह ने साल 1937 में की थी। यहां पर आपको इतिहास से संबंधित महत्वपूर्ण लेखों का संग्रह मिल सकता है। इसके अलावा यहां पर आपको दुर्लभ चित्र, मिट्टी के बर्तन, हथियारों का संग्रह देखने को मिलेगा और राजपूत योद्धाओं द्वारा इस्तेमाल किए हुए शस्त्र भी देखने को मिलेंगे।

  • गजनेर पैलेस (Gajner Palace)
Image Source: Trawell

महाराजा गंगासिंह ने गजनेर पैलेस का निर्माण बीकानेर में करवाया था। प्राचीन काल में गजनेर पैलेस का उपयोर शिकार और अवकाश बिताने के लिए एक लॉज़ के रूप में किया जाता था और गजनेर में बनी मूर्तियां, स्क्रीन, झरोखे और लाल बलुआ पत्थर से बनी शिल्प शोभायान है। यहां पर एक घना जंगल भी है जो पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है। इस जंगल में आपको ब्लू बुल, चिंकारा, हिरण, क्लाउड एंटेलोप जैसे जानवर मिल सकते हैं।

  • भांडासर जैन मंदिर (Bhandasar Jain Mandir)
Image Source : Ohmyrajasthan

बीकानेर में दो प्रसिद्ध जैन मंदिरों में भांडासन जैन मंदिर है जहां घूमने के लिए लोग आते हैं। भांडासर जैन मंदिर पीले पत्थरों से बना है और इसके आंतरिक भाग के स्तंभों और दीवारों पर बने हुए चित्र भी शोभायान होते हैं। दीवारों पर करीब 24 शिक्षकों को चित्रित किया गया है और इस मंदिर की तीन मंजिला ईमारत है जिसमें पहली पर देवताओं की संतानों के लघु चित्र हैं। इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में भंडसा ओसवाल नाम एक व्यापारी ने बनवाया था और बाच में इसे पांचवे जैन तीर्थकर सुमितनाथ को समर्पित कर दिया गया।

  • देवीकुंड सागर (Devi Kund Sagar)
Image Source: Trawell

बीकानेर में देवीकुंड सागर स्थित है और ये शहर के पूर्व में 8 किमी की दूरी पर लोकप्रिय स्थान है। राव बीका जी के बड़े पोते का अंतिम संस्कार यहीं पर हुआ था और यहां प्रदर्शित की गई वास्तु प्रतिभाएं असल में हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है। सूरत सिंह जी का सेनोटैफ पूरी तरह से पत्थरों से बनाया गया है क्योंकि यहां की सुंदरता देखने लायक है और ऐसे में साधारण सैनोटैफ बनवाना शोभा नहीं देता।

  • गजनेर वन्यजीव अभयारण्य (Gajner Wildlife Sanctuary)
Image Source: Holidayiq

बीकानेर से 32 किमी की दूरी पर गजनेर अभयारण्य स्थित है। इसमें जंगली सूअर, चिंकारा (काला हिरण), नीलगाय के अलावा कई दूसरे प्रजातियों के जानवर आपको देखने को मिलेंगे। यहां पर आपको ऊंट सफारी और जीप सफारी से वन्यजीवों को देखने का आनंद मिल सकता है। यहां पर पशु-पक्षियों के अलावा आपको अलग-अलग तरह के जंगली पौधे भी देखने को मिल सकते हैं।

  • करणी माता का मंदिर (Karani mata Temple)
Image Source: Nativeplanet

बीकानेर के प्रसिद्ध मंदिरों में करणी माता का मंदिर भी फेमस है। यहां पर रहने वाले चूहों की घनी आबादी बहुत है और इसके पीछे एक कहानी है। करणी माता की एक कहानी चूहों से जुड़ी है। दरअसल जब करणी माता के पुत्र की मृत्यु हुई तो वह यमदेव से अपने पुत्र के जीवन को वापस पाने के लिए बोलीं। मगर यमदेव उनकी विनती स्वीकार नही करते हैं और इसके बाद देवी के अवतार करणी माता ने अपने बच्चे को ना केवल जीवन दिया बल्कि ये घोषणा भी की कि अब उनका परिवार चूहों के रूप में ही रहेगा। इस मंदिर में लगभग 20,000 से ज्यादा चूहे हैं, जो इस परिसर में निवास करते हैं और पर्यटकों के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित भी करते हैं। करणी माता के इस मंदिर को पत्थरों और संगमरमर से बनाया गया है और इसके गेट चांदी से बने हैं जिसे महाराजा गंगासिंह ने बनवाया था।

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Sneha Dubey

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