China Manufacturing Mosquitoes: आपने अच्छे और बुरे इंसान के बारों में सुना होगा, लेकिन क्या कभी आपने अच्छे और बुरे मच्छरों के बारे में सुना है। नहीं ना, भला मच्छर भी अच्छे या बुरे हो सकते हैं? और अगर ऐसा है तो इस बात का पता कोई कैसे लगा सकता है। लेकिन चीन में अच्छे मच्छरों के बारे में पता भी लगाया जाता है इसके साथ ही अच्छे मच्छरों को बनाया भी जाता है। जी हां, अच्छे मच्छर होने वाली बात तो आप हजम नहीं कर पाए होंगे। लेकिन अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं उसको सुनकर तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।
फैक्ट्री में बनते हैं मच्छर [China Mosquitoes]
बता दें कि चीन देश ने मच्छरों का खात्मा करने के लिए एक नई तकनीक खोज निकाली है। जिसके चलते वो मच्छरों को मारने के लिए और मच्छर बना रहे हैं। चीन में एक फैक्ट्री का निर्माण किया गया है जहां पर बड़े पैमाने पर मच्छर बनाए जाते हैं। लेकिन इन मच्छरों की खास बात यह है कि इस फैक्ट्री में अच्छे मच्छर बनाए जाते हैं जोकि ‘बुरे मच्छरों’ का काम तमाम करते हैं।
मच्छरों पर पाया गया है काबू
जानकारी के अनुसार चीन के द्वारा उठाए गए इस कदम से वहां पर मच्छरों के आतंक पर काफी ज्यादा हद तक काबू पा लिया गया है। इसका श्रेय जाता है उस फैक्ट्री को जहां पर बड़ी तादात में दुश्मन मच्छर यानी एंटी मोस्किटोज का उत्पादन किया जाता है, ये फैक्ट्री में बनने वाले अच्छे मच्छर दुश्मन मच्छरों से लड़कर उन्हें खत्म कर देते हैं।
हर हफ्ते बनते हैं 50 लाख मच्छर
इस अच्छे मच्छर बनाने वाली फैक्ट्री में हर हफ्ते में तकरीबन 50 लाख मच्छरों को बनाया जाता है। मच्छरों को बनाने के बाद उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में छोड़ा जाता है। फैक्ट्री में जो मच्छर बनाए जाते हैं वो एक नर मच्छर होते हैं और मादा एनाफिलीज मच्छरों को मारते हैं।
अच्छे मच्छरों का निर्माण करने वाली यह फैक्ट्री चीन के गुआंगझांग में बनी हुई है। जो कि तकरीबन 3500 फीट में फैली हुई है। हर हफ्ते इस फैक्ट्री में 50 लाख मच्छर बनाए जाते हैं। फैक्ट्री में बनने वाले यह मच्छर डेंगू और जीका के साथ उन सभी बीमारियों से रक्षा करने में कामयाब होते हैं जो मच्छरों के काटने से होती हैं।
खत्म हुए हैं बीमारी फैलाने वाले मच्छर
अच्छे मच्छर बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है कि उनके द्वारा बनाए गए अच्छे मच्छरों नें 96 फीसदी तक बीमारी फैलाने वाले मच्छरों का खात्मा कर दिया है। बता दें कि लैब में इन मच्छरों के जीन्स में बदलाव कर दिया जाता है और फिर इन्हें उन जगहों पर जाकर छोड़ देते हैं जहां पर मच्छर पाए जाते हैं।
फैक्ट्री का कहना है कि उनके अच्छे मच्छरों ने 96 फीसदी तक बुरे मच्छर खत्म किये हैं। लैब में इन मच्छरों के जीन में बदलाव कर दिया जाता है। फिर इन्हें उन जगहों पर छोड़ दिया जाता है जहां मच्छर पाए जाते हैं। दरअसल, लैब में बनने वाले मच्छर नर होते हैं जो मादा से मिलते हैं तो इनसे पैदा होने वाले लार्वे अपने आप मर जाते हैं यानी ना लार्वा होगा और ना ही मच्छर पैदा होंगे।
ट्रायल बेस
चीन द्वारा किया गया ये काम ट्रायल बेसिस पर किया गया था। लेकिन इस ट्रायल से मिलने वाली सफलता के बाद अब इसे पूरी तरीके से चालू कर दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार वहां पर अब तक 96 फीसदी मच्छरों का खात्मा हो गया है। जिसके बाद अब चीन इसे पूरी तरह से बड़े पैमाने पर शुरू करने वाला है।
यहां तक कि अब चीन ने मच्छरों के खात्मे के लिए एक पावरफुल रडार भी बना लिया है। इस रडार का काम ये है कि यह कई किलोमीटर दूर से ही मच्छरों को खोज निकालेगा और उनका खात्मा कर देगा। चीन का ये रडार बिल्कुल उसी तरह से मच्छरों को खोजकर मार गिराता है, जिस तरह से किसी देश की सेना अपने दुश्मनों को रडार द्वारा छिपे हुए विदेशी दुश्मनों पर मिसाइल या गोलियां बरसाकर उनका काम तमाम करती है। ठीक उसी तरह से ये रडार भी बुरे मच्छरों का खात्मा कर देगा।
भारत में भी होगा ट्रायल
चीन के बाद अब भारत में भी इस तरह के मॉडिफाइड मच्छर बनाने का काम शुरू होने जा रहा है। मुंबई की एक कंपनी GBIT को भी जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छर बनाकर ट्रायल करने की अनुमति मिल गई है। अब चीन की ही तरह भारत में भी मच्छरों का खात्मा करने के लिए ये प्रयास किया जाएगा।
बता दें कि मच्छरों के काटने से लोग कई गंभीर तरह की बीमारियों के शिकार होते हैं। कुछ बीमारियां तो इतनी भयानक होती हैं कि वो जानलेवा साबित होती हैं और जिसके चलते मरीज कई बार अपनी जान तक गंवा देता है। हालांकि, सरकार मच्छरों को पैदा होने से रोकने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं लेकिन इसके बावजूद भी मच्छरों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।