मोबाइल फोन आजकल लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। बिना मोबाइल फोन के बहुत से लोग कोई काम ही नहीं कर पाते हैं। कुछ लोगों को तो मोबाइल फोन की इतनी लत लग गई है कि वे दिनभर मोबाइल में ही डूबे रहते हैं। कनाडा के कैलगरी में रहने वाले एक 18 साल के खोबे नामक युवक को मोबाइल फोन की कुछ ऐसी ही लत लग गई थी। उसका दिन बिना मोबाइल फोन के गुजरता ही नहीं था। हर वक्त उसकी निगाहें अपने फोन पर ही टिकी होती थीं। वह अपना अधिकतर वक्त या तो सोशल मीडिया में या फिर ऑनलाइन गेम खेलने में ही व्यतीत किया करता था। उसके पिता जेमी क्लार्क को अपने बेटे की इस लत को लेकर बड़ी चिंता होने लगी। आखिरकार बाप ने बेटे की इस लत को छुड़ाने के लिए एक ऐसा तरीका खोज लिया, जिसके बारे में शायद कोई कल्पना भी नहीं कर पाएगा।
8000 किलोमीटर दूर
अपने बेटे की मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए जेमी क्लार्क ने यात्रा करने की योजना बनाई। वे अपने बेटे को कनाडा से करीब 8000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मंगोलिया लेकर चले गए। यहां उन्होंने एक माह का वक्त बिताया। इस एक माह के दौरान दोनों बाप-बेटे ने 2200 किलोमीटर की यात्रा की। सबसे बड़ी बात यह थी कि जिन इलाकों की इन्होंने यात्रा की, वहां बसें तक नहीं चलती थीं। इंटरनेट की सुविधा तो वहां थी ही नहीं। ऐसे में खोबे को मोबाइल इस्तेमाल करने का मौका ही नहीं मिल पाया। केवल घूमने में उसका समय व्यतीत हो रहा था। बाप-बेटे ने अपनी अधिकांश यात्रा या तो बाइक से की या घोड़े पर सवार होकर। पर्वतीय इलाकों में इन्होंने कई रातें बिताई।।इस तरह से आखिरकार जिमी क्लार्क के बेटे खोबे की मोबाइल की लत छूट गई।
नहीं मिला इंटरनेट
कई मीडिया रिपोर्ट्स में खोबे के हवाले से बताया गया है कि एक माह की जो यात्रा उसने अपने पिता के साथ की, उसकी वजह से उसकी जिंदगी ही बदल गई है। खोबे का कहना है कि जब इन जगहों पर इंटरनेट काम नहीं कर रहा था और वह फेसबुक और इंस्टाग्राम आदि नहीं चला पा रहा था तो उसे बड़ी खीझ आ रही थी। उसके मुताबिक फोन के काम नहीं करने की वजह से वह स्नैपचैट का भी इस्तेमाल नहीं कर पा रहा था। इससे उसे बहुत गुस्सा आ रहा था, मगर वह कुछ भी नहीं कर सकता था। शुरू में वह थोड़ा चिड़चिड़ा जरूर हो गया था, मगर धीरे-धीरे उसकी यह लत छूटती चली गई। अब वह अपने परिवार के साथ बढ़िया वक्त बिता रहा है और उसे इस बात का एहसास है कि बिना मोबाइल फोन के जिंदगी कितनी खूबसूरत है।
आखिर मिल ही गई कामयाबी
खोबे के पिता जेमी क्लार्क, जिन्होंने अपने बेटे की मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए इतनी लंबी यात्रा की योजना बनाई और जो अपने बेटे को यात्रा पर ले जाने में एवं इसके जरिये उसकी मोबाइल की लत छुड़ाने में भी सफल रहे, वे दरअसल एक पर्वतारोही हैं। क्लार्क ने अपनी जिंदगी में अब तक दो बार दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट को भी फतेह कर लिया है। जेमी क्लार्क मानते हैं कि मोबाइल फोन की बढ़ती लत की वजह से आज के युवा अपने परिवार से दूर होते जा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने मोबाइल फोन को ही अपना सबकुछ मान लिया है। उनके बेटे के साथ भी ऐसा ही हो गया था, मगर उसकी यह लत छुड़ाकर उन्होंने अपने बेटे को जीवन का एक नया सबक दे दिया है।