Priyanka Gandhi asked to vacate her bungalow: एक तरफ जहाँ देश पहले से ही कोरोना वायरस और पड़ोसी देश चीन के साथ तनातनी से परेशान हैं। वहीं अब देश में राजनीतिक गुटों के बीच लड़ाई भी तेज हो गई है। कांग्रेस और बीजेपी आए दिन एक दूसरे को निशाने पर लेने से नहीं चूकते हैं। वाद-विवाद का सिलसिला दोनों पार्टियों के बीच चलता ही रहता है। लेकिन इस बार मामला कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी (Priyanka Gandhi) को बीजेपी सरकार ने लोधी एस्टेट स्थित बंगला को खाली करने का नोटिस दिया है। आइये आपको बताते हैं आखिर क्या है ये पूरा मामला और क्यों खाली करना होगा प्रियंका को ये बंगला। साथ ही आपको बताएंगे प्रियंका गाँधी इस घर में रहने का कितना किराया चुकाती हैं।
लोधी एस्टेट स्थित बंगले का एक महीने का इतना किराया देती हैं प्रियंका
सबसे पहले आपको बता दें कि, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी (Priyanka Gandhi) को लोधी एस्टेट स्थित बंगला 21 फ़रवरी 1997 को अलॉट किया गया था। जानकारी हो कि, इस बंगले में इतने सालों से रहते हुए प्रियंका गाँधी हर महीने का किराया करीबन 37 हज़ार रूपये चुकाती हैं। एबीपी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार अब बीजेपी सरकार ने उन्हें इस बंगले को जल्द से जल्द खाली करने का नोटिस दे दिया है। असल में उन्हें यह बंगला इसलिए खाली करना होगा क्योंकि अब उनके पास एसपीजी सिक्योरिटी नहीं है। आपको बता दें कि, सरकारी बंगला उन्हें ही अलॉट किया जाता है जिनके पास एसपीजी सिक्योरिटी हो। गौरतलब है कि, साल 2000 में ये कानून बना था कि, जिनके पास एसपीजी सुरक्षा नहीं है उन्हें सरकारी बंगला नहीं दिया जाएगा। चूँकि प्रियंका गाँधी अब जेड प्लस सिक्योरिटी के दायरे में आती हैं इसलिए उन्हें लोधी एस्टेट स्थित बंगले को जुलाई तक खाली करने का नोटिस मिला है।
सरकार ने नोटिस भेजने के साथ दिया ये बयान
आपको बता दें कि, बीजेपी सरकार ने गृह मंत्रालय द्वारा 30 जून के अपने पत्र में सभी को सूचित किया है कि, अखिल भारतीय स्तर पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी (Priyanka Gandhi) को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है। जानकारी हो कि, इस सुरक्षा में किसी भी सरकारी आवास के आवंटन या पहले से रहते हुए किसी सरकारी बंगले में रहने का कोई प्रावधान नहीं है। जाहिर है कि, कांग्रेस महासचिव किसी भी सरकारी आवास की हक़दार नहीं है। इसलिए लोधी एस्टेट स्थित उनके बंगले को डायरेक्टरेट ऑफ़ एस्टेट ने एक महीने के भीतर बंगला खाली करने का नोटिस दिया है। लोधी एस्टेट स्थित सरकारी बंगले में प्रियंका गाँधी (Priyanka Gandhi) के रहने की अवधि जुलाई 2020 में समाप्त हो जायेगी। सरकार के इस फैसले को कांग्रेस ने नफरत और बदले की राजनीति का नाम दिया है।
यह भी पढ़े
- गौ हत्यारों को सजा दिलाने के समर्थन में आए टीवी के राम, यूपी सरकार का आया बड़ा फैसला !
- जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाज़त, इन नियमों का करना होगा पालन !
इस संबंध में कांग्रेस के एक प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि, कांग्रेस के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बदले की भावना में अंधी हो चुकी है और इसलिए उन्होनें ऐसा आदेश दिया है। इस संबंध में बिहार के एक अन्य कांग्रेस प्रवक्ता ने भी इस सरकारी नोटिस को बदले की भावना की राजनीति करने का आरोप लगाया है।