Man selling masks in Pune: चाहे स्कूल जाने वाले बच्चे हों, नौकरी कर रहे लोग हों या फिर बिजनेस करने वाले, हर किसी को कोरोना वायरस की वजह से बड़ी परेशानियों से दो-चार होना पड़ा है। पुणे के रहने वाले 37 साल के कैलाश आउटड़े पर भी कोरोना महामारी की बहुत ही बुरी मार पड़ी है।
गंवा दी कैब ड्राइवर की नौकरी
कैब चलाकर कैलाश अपने परिवार की देखरेख कर रहे थे, लेकिन कोरोना की वजह से बिजनेस ऐसा मंद पड़ा कि उन्होंने अपनी नौकरी खो दी। ऐसे में बेटी की फीस भरने के लिए भी उनके पास जब पैसे नहीं रहे, तो स्कूल ने बेटी को निकाल दिया। मजबूरी में अब पुणे के सिंहगढ़ रोड पर मास्क बेचने के अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं है।
शुरू में बेची थी सब्जी
नौकरी जाने के बाद सबसे पहले कैलाश ने सब्जी बेची, लेकिन इसमें ज्यादा कमाई नहीं हो सकी, तो उन्होंने फिर मास्क बेचना शुरू कर दिया। इसी दौरान स्कूल में पढ़ रही उनकी 5 साल की बेटी को स्कूल वालों ने फीस नहीं चुका पाने की वजह से स्कूल से बाहर कर दिया।
दोबारा लौटे थे काम पर
कैलाश के मुताबिक निर्धारित समय के अंदर ही मास्क बेचने के बावजूद लॉकडाउन के समय पुलिस वालों ने उनके साथ मारपीट भी की थी, लेकिन कुछ दिन काम नहीं करने के बाद वे फिर से हिम्मत जुटाकर काम पर लौट गए थे।
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फिर से बेटी को स्कूल भेजने के लिए
जहां उनकी कमाई कभी कैब ड्राइवर के रूप में 20 हजार से 25 हजार रुपये महीने की होती थी, वहीं अब वे मुश्किल से 500 रुपये हर दिन कमा पा रहे हैं। मकसद बस यही है कि बेटी को वे फिर से स्कूल भेज सकें।