First Liver Transplant From Father To 6 Month Old Baby Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले लव सिन्हा और उनकी पत्नी सीमा सिन्हा की आंखों के आगे तब अंधेरा छा गया, जब उन्हें यह पता चला कि उनकी 6 माह की बेटी ताक्षी एक अत्यंत दुर्लभ बाईलियरी अत्रेसिया नामक बीमारी से पीड़ित है। दरअसल इस बीमारी में पित्त की नलियों के ब्लॉक हो जाने की वजह से पीलिया इतना बढ़ जाता है कि इसकी वजह से लिवर धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। इसकी वजह से कुछ ही महीने के अंदर बच्चे की मौत हो जाती है।
अत्यंत ही दुर्लभ बीमारी
बाईलियरी अत्रेसिया एक ऐसी बीमारी है, जो कि एशिया में 5 हजार में से एक बच्चे को और अमेरिका में 10 से 15 हजार में से एक बच्चे को होती है। इसके इलाज का एकमात्र तरीका लिवर ट्रांसप्लांट ही है।
इस डॉक्टर ने पकड़ी बीमारी
ताक्षी को समस्या होने लगी, तो मां-बाप उन्हें लेकर कई अस्पतालों में गए, लेकिन बेटी की तबीयत सुधर नहीं रही थी। आखिरकार जब रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के डॉक्टर अजीत मिश्रा के पास दोनों पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि बच्ची बाईलियरी अत्रेसिया बीमारी से पीड़ित है। डॉक्टर ने ताक्षी के मां-बाप को बताया कि बच्ची को बचाने का केवल एक ही उपाय है कि उसका लिवर ट्रांसप्लांट किया जाए।
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पिता हो गए लिवर देने को तैयार(First Liver Transplant From Father To 6 Month Old Baby Raipur)
जैसे ही बच्ची के पिता लव सिन्हा ने डॉक्टर के मुंह से यह बात सुनी, वे तुरंत अपना लिवर देने के लिए तैयार हो गए। डॉ अजीत मिश्रा ने डॉक्टर मोहम्मद अब्दुल नईम के साथ मिलकर लगभग 8 से 9 घंटे तक बच्ची के लिवर ट्रांसप्लांट के लिए उसका ऑपरेशन किया और इसमें कामयाबी भी हासिल कर ली। इस तरह से 6 माह की ताक्षी की जान बच गई। बताया जा रहा है कि मध्य भारत में इतनी कम उम्र की बच्ची का इस तरह का यह पहला लिवर ट्रांसप्लांट है।