Harsingar Ke Fayde: पौराणिक कथाओं के अनुसार हरसिंगार(पारिजात) धरती का नहीं बल्कि स्वर्ग में उगने वाला पौधा हुआ करता था. स्वर्ग के देवता भगवान इंद्र ने इसे श्री कृष्ण को भेंट स्वरूप दिया तब से यह पौधा धरती पर है. हरसिंगार(पारिजात) एक ऐसा सुंदर सुगंधित पौधा है जिसे हम अपने घर में जरूर स्थान देना चाहेंगे. हरसिंगार(पारिजात) के पौधे को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे हरसिंगार या रात की रानी. इस पौधे को ज्यादातर झाड़ी या पेड़ के रूप में उगाया जाता है. इसकी खुशबू से चारों तरफ का वातावरण सुगंधित रहता है साथ ही इसका इस्तेमाल दवाई के रूप में भी किया जाता है
यदि आप भी इस पौधे को अपने घर में लगाने की सोच रहे हैं तो इस पौधे की देखभाल और इसे लगाने से संबंधित कुछ उपाय इस लेख में दिए गए हैं. दिए गए इन टिप्स को अपनाकर आप भी अपने घर में यह खुशबूदार औषधि युक्त पौधा लगा सकते हैं
हरसिंगार(पारिजात) का पौधा गमले में लगाने का सही तरीका(Harsingar Ke Fayde Hindi Me)
माना तो यह जाता है कि इस स्वर्गीय पौधे को बड़े मैदान में उगाया जा सकता है. इसे गमले में नहीं रोपा जा सकता क्योंकि पारिजात एक बाहरी पौधा है लेकिन कुछ बातें ध्यान में रखकर आसानी से इस पौधे को घर के गमले में उगाया जा सकता है
- मिट्टी का एक ऐसा बर्तन या गमला ले जिसका डायमीटर 16 इंच हो और इस गमले की तली में जल निकासी के 3 छेद अवश्य हो जिससे गमले का अतिरिक्त पानी निकल जाए ताकि पौधा ज्यादा पानी की वजह से सड़ने ना पाए.
- बसंत ऋतु (Spring season) में तने को या बीज को साइड से काटकर गमले में रोपे.
- ध्यान रहे सर्दी के मौसम में पारिजात का पौधा ना लगाएं क्योंकि इसका नन्हा पौधा बहुत ज्यादा ठंड की मार नहीं झेल पाता….
- 50 % सामान्य गार्डन की मिट्टी जो पोटिंग मिक्स हो और 50 % किसी भी जैविक खाद (organic fertilizer) जैसे वर्गीकंपोस्ट को अच्छी तरह मिलाने के बाद गमले में भर दें
- इसके बाद बीज को गमले में 2 सेंटीमीटर गहराई पर रखकर ऊपर से मिट्टी भर दे
- पौधे में पानी का बहुत ज्यादा छिड़काव ना करें केवल जरूरत के अनुरूप ही पानी डालें.
- इस पौधे के लिए 6 घंटे सूर्य की रोशनी पर्याप्त होती है. इससे ज्यादा देर से धूप में ना रखें.
- पौधे में सुबह-शाम पानी का छिड़काव अवश्य करें.
- ठंड में इस पौधे को नियमित पानी देने से बचें.
पारिजात के पौधे के लाभकारी फायदे
यह पौधा एक औषधीय गुणों से युक्त पौधा है. अब तो इस बात की पुष्टि डॉक्टर भी कर चुके हैं.. जानिए कैसे?
- इस पौधे में एंटीबैक्टीरियल गुण होने के कारण यह पौधा मौसमी खांसी और जुकाम के बैक्टीरिया को नष्ट करता है
- मेडिकल रिसर्च के मुताबिक हरसिंगार या पारिजात का पौधा चिकनगुनिया और डेंगू जैसी घातक बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है.
- पारिजात के पत्ते का इस्तेमाल हमारे शरीर की इम्युनिटी को बेहतरीन बनाता है. साथ ही इसकी पत्तियों का इस्तेमाल पेट से जुड़ी समस्याओं को कम करने में भी बहुत लाभकारी है.
- पारिजात के पौधे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा का घाव भरने और त्वचा में होने वाली खुजली व रैशेस से छुटकारा दिलाता है क्योंकि यह पौधा बिल्कुल एंटीसेप्टिक की तरह काम करता है.
आध्यात्मिक रूप से पारिजात के पौधे का महत्व
पारिजात या हरसिंगार के पौधे का उल्लेख पौराणिक कथाओं और धर्म ग्रंथों में खूब मिलता है. इसके चमत्कारी गुणों को लेकर अनेक पौराणिक कहानियां भी प्रचलित हैं
- जब यह पौधा स्वर्ग लोक में हुआ करता था तब इसी पौधे की छांव में बैठने के कारण स्वर्ग की अप्सराएं कभी वृद्ध (बूढ़ी ) नहीं होती थी.
- यह पौधा ना केवल आयु में वृद्धि को रोकता था बल्कि अप्सरा उर्वशी इस पेड़ की छाया में बैठकर अपना तनाव भी दूर करती थी
जब भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर जैसे राक्षस को हराकर सब की रक्षा की थी, तब इंद्र ने यह परिजात का पौधा उपहार स्वरूप भगवान श्री कृष्ण को दिया था. जिसे श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी रुक्मणी को भेंट किया था. तब से यह पौधा धरती पर आ गया.
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तो इस अलौकिक वृक्ष के गुणों के बारे में जानने के बाद आप सभी इस पौधे को अपने घर में जरूर लगाएं ताकि इसकी सुखद सुगंधित खुशबू आपके पूरे घर में फैलती रहे और पूरा घर तनाव मुक्त और रोग मुक्त हो सके.