Highest ODI Partnership For India: क्रिकेट के खेल को साझेदारियों का खेल कहा जाता है और ऐसा कुछ इसलिए भी है जब भी कोई बल्लेबाज़ बड़ी पारी खेलता है तो विकेट के दूसरी छोर में उपस्थित बल्लेबाज़ गेंदबाज़ की गतिविधि को बल्लेबाज़ के साथ शेयर करता है। लेकिन बड़ी साझेदारियों के लिए दोनों ही बल्लेबाज़ों को तेज़ गति से रन बनाने की जरुरत होती है। वनडे क्रिकेट की शुरुआत से लेकर अभी तक में कुल पांच बार किसी विकेट के लिए 300 से ज्यादा रनों की साझेदारियां हुई हैं। जिसमें से 2 मर्तबा यह साझेदारी भारतीय बल्लेबाज़ों के द्वारा और 300 रनों की दो साझेदारियां वेस्टइंडीज के बल्लेबाज़ों के द्वारा बची हुई 300 रनों की एक साझेदारी पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों के द्वारा निभाई गयी है। वनडे क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के बल्लेबाज़ क्रिस गेल और मार्लन सैमुअल्स के नाम दर्ज है, विंडीज की इस ओपनिंग जोड़ी ने साल 2015 के वनडे विश्वकप में ज़िम्बावे के विरुद्ध दूसरे विकेट के लिए 372 रनों की साझेदारी की थी। वनडे क्रिकेट की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी निभाने का रिकॉर्ड भी विंडीज के बल्लेबाज़ जॉन कैम्पबेल और शाई होप के नाम दर्ज है, इस जोड़ी ने साल 2019 में आयरलैंड के विरुद्ध 365 रनों की साझेदारी की थी। आज के इस लेख में हम आपको वनडे क्रिकेट इतिहास में भारतीय बल्लेबाज़ों के द्वारा निभायी गयी सबसे बड़ी साझेदारियों के बारे में बताएँगे।
Highest ODI Partnership For India
S.NO | खिलाड़ी | रन |
3 | मोहम्मद अज़हरुद्दीन – अजय जड़ेजा | 275 |
2 | सौरव गांगुली – राहुल द्रविड़ | 318 |
1 | सचिन तेंदुलकर – राहुल द्रविड़ | 331 |
वनडे क्रिकेट में सबसे बड़ी साझेदारी
3. मोहम्मद अज़हरुद्दीन – अजय जड़ेजा (275 रन, चौथा विकेट)
भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक और महान बल्लेबाज़ मोहम्मद अज़हरुद्दीन और क्रिकेट के सबसे तगड़े हार्ड हिटर्स में से एक अजय जडेजा की जोड़ी ने साल 1998 में ज़िम्बावे के विरुद्ध कटक के मैदान पर बल्लेबाज़ी करते हुए चौथे विकेट के लिए 275 रनों की साझेदारी की थी। ये साझेदारी उस समय वनडे क्रिकेट की किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी थी। मैच में पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन के नाबाद 153 रनों और अजय जडेजा के नाबाद 116 रनों की शतकीय पारी की बदौलत 3 विकेट के नुकसान पर 301 रनों का विशाल टोटल ज़िम्बावे के सामने रखा था। लक्ष्य का पीछा करने उतरी ज़िम्बावे की टीम 269 रनों में सिमट गयी। भारतीय टीम यह मैच 32 रनों से जीत गयी।
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2. सौरव गांगुली – राहुल द्रविड़ (318 रन, दूसरा विकेट)
पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज़ सौरव गांगुली और भारतीय टीम की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ की जोड़ी ने साल 1999 के वनडे विश्वकप में श्रीलंका के विरुद्ध टांटन के मैदान पर दूसरे विकेट के लिए 318 रनों की साझेदारी की थी। 318 रनों की यह साझेदारी वनडे क्रिकेट इतिहास की पहली 300 रनों की साझेदारी थी। सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के बीच 318 रनों की यह साझेदारी वनडे क्रिकेट की चौथी सबसे बड़ी साझेदारी है।
भारतीय क्रिकेट टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए सौरव गांगुली के 183 रनों की शानदार शतकीय पारी और राहुल द्रविड़ की 145 रनों की बेहतरीन पारी की बदौलत श्रीलंका के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 373 रन बनाये थे। लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई क्रिकेट टीम महज 216 रनों पर सिमट गयी और भारतीय क्रिकेट टीम यह मैच आसानी से 157 रनों के विशाल अंतर से जीत गयी।
1. सचिन तेंदुलकर – राहुल द्रविड़ (331 रन, दूसरा विकेट): Highest ODI Partnership For India
भारतीय क्रिकेट इतिहास के दो महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की जोड़ी ने 8 नवम्बर साल 1999 को न्यूजीलैंड के विरुद्ध हैदराबाद के मैदान पर दूसरे विकेट के लिए 331 रनों की शानदार साझेदारी निभाई थी। जो उस समय में वनडे क्रिकेट इतिहास की किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी थी। सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के बीच एकदिवसीय क्रिकेट में 331 रनों की साझेदारी वनडे क्रिकेट इतिहास की तीसरी सबसे बड़ी साझेदारी है। मैच में पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड के विरुद्ध सचिन तेंदुलकर के 186 रनों की शानदार शतकीय पारी और राहुल द्रविड़ 153 रनों की आकर्षक शतकीय पारी की मदद से स्कोर बोर्ड पर दो विकेट के नुकसान पर 376 रनों का पहाड़ जैसा टोटल सामने रख दिया था। लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की पूरी टीम महज 202 रनों के मामूली से टोटल पर ऑल आउट हो गयी थी और भारतीय टीम यह मैच आसानी से 174 रनों के बड़े अंतर से जीत गयी।
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तो यह थी क्रिकेट इतिहास में भारतीय बल्लेबाज़ों के द्वारा निभाई गयी तीन बड़ी साझेदारियां।