Types of Cricket Bat: क्रिकेट एक ऐसा खेल जिसकी दीवानगी सारे जहाँ पर हैं, क्रिकेट को हर एक आयु वर्ग के लोगों के द्वारा पसंद किया जाता है। क्रिकेट के खेल में तीन मुख्य पहलु होते हैं जैसे बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और क्षेत्ररक्षण। अगर बात महान बल्लेबाज़ों की हो हमारे जहन में सबसे पहले सदी के सबसे महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर, सर विवियन रिचर्ड्स, ब्रायन चार्ल्स लारा, विराट कोहली जैसे दिग्गज बल्लेबाज़ों का नाम आता है। इन बल्लेबाज़ों के खेलने की शैली के साथ ही इनके द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले बल्लों की भी खूब चर्चा होती है जैसे 90 के दशक में सचिन तेंदुलकर का एमआरएफ़ का बल्ला, सहवाग का ब्रिटानिया का बल्ला, धोनी का रीबॉक आदि। दरअसल ये कम्पनियाँ बल्लों का निर्माण नहीं करती हैं अपितु ये बल्लेबाज़ों को अपने बल्ले में कंपनी का स्टिकर इस्तेमाल करने के लिए मोटा पैसा देती हैं।
अगर आपके मन में भी यह सवाल पनप रहा है की इन बल्लों को कैसे बनाया जाता है , इन बल्लों को बनाने के लिए किस प्रकार की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है , तो आपको परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है आज के इस लेख में हम आपको क्रिकेट के बल्लों से जुडी हुई सभी जानकारियां विस्तार से देंगे।
क्रिकेट बैट बनाने के लिए किन लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है
क्रिकेट बैट को बनाते वक़्त किसी भी प्रकार की लकड़ी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्योंकि जब कोई भी बल्लेबाज़ गेंद को जोर से हिट करता है तो ऐसे में साधारण लकड़ी का बल्ला जल्दी ही टूट जायेगा और लकड़ी का वजन ज्यादा होने की वजह से यह बल्ला बहुत अधिक वजनी होगा। क्रिकेट का बल्ला मजबूत होने के साथ साथ हल्का भी होना चाहिए जिससे आसानी से चारों ओर घुमाया जा सके। बहुत अधिक रिसर्च के बाद विशेषज्ञों ने यह पाया की विलो (Willow) ही दुनिया का एक मात्र ऐसा पेड़ है जिसकी लकड़ी हल्की होने के साथ साथ मजबूत होती है और इसे आसानी से चारों ओर घुमाया जा सकता है। विलो की लकड़ी में कुदरती तौर पर ही स्पंज का गुण होता है जिसकी मदद से बल्लेबाज़ गेंद को बहुत दूर तक मार सकता है। वर्तमान समय में जितने भी प्रकार के बल्लों का निर्माण होता है वो सभी विलो की लकड़ी से बने होते हैं। विश्व में अलग अलग स्थानों में पाई जाने वाली विलो की लकड़ी को अलग अलग नामों से जानते हैं, जैसे की इंग्लैण्ड में पाई जाने वाली विलो की लकड़ी को इंग्लिश विलो तो भारत के कश्मीर प्रान्त में पाई जाने वाली विलो की लकड़ी को कश्मीरी विलो बोलते हैं। क्रिकेट बैट मुख्य रूप से इंग्लिश विलो और कश्मीरी विलो की लकड़ी से ही बनाया जाता है। एक अच्छे क्रिकेट बैट का औसत वजन 1.2 किलोग्राम से लेकर 1. 4 किलोग्राम तक का होता है और इसकी लम्बाई 85 से 88 सेंटीमीटर तक होती है।
क्रिकेट बैट मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं |
1. पॉपुलर विलो क्रिकेट बैट (Popular Willow Cricket Bat)
पॉपुलर विलो से टेनिस क्रिकेट का बल्ला बनाया जाता है। इस बल्ले की कीमत बाकि बल्लों की तुलना में बहुत कम होता है। इस बल्ले को बनाने के लिए लोकल विलो के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। हालाँकि कुछ लेदर बॉल के बल्ले भी पॉपुलर विलो की लकड़ी से बनाया जाता है पर उन बल्लों की क्वालिटी में कुछ खामियां होती हैं।
2. कश्मीरी विलो क्रिकेट बैट (Kashmir Willow Cricket Bat): Types of Cricket Bat
भारत के कश्मीर प्रान्त में पाई जाने वाली विलो को कश्मीरी विलो कहते हैं। इस लकड़ी से बने बल्ले को कश्मीरी विलो क्रिकेट बैट कहते हैं। इस बैट की मुख्य पहचान यही है की यह दिखने में हल्का रेड कलर का रहता है। कश्मीरी विलो क्रिकेट बैट को मुख्य रूप से लेदर बॉल के लिए बनाया जाता है, कुछ लोग इस बल्ले को टेनिस गेंद से भी खेलते हैं। क्रिकेट की कोचिंग कर रहे खिलाड़ियों के यह बल्ला सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इसकी कीमत भी कम होती है और वजन में भी थोड़ा सा हल्का होता है। ट्रेनिंग कर रहे अधिकतर खिलाड़ी कश्मीरी विलो क्रिकेट बैट का ही इस्तेमाल करते हैं।
3. इंग्लिश विलो क्रिकेट बैट (English Willow Cricket Bat: Types of Cricket Bat)
इंग्लैंड में पाई जाने वाली विलो को इंग्लिश विलो कहते हैं। इस लकड़ी से बने बल्ले को इंग्लिश विलो क्रिकेट बैट कहते हैं। इस बैट की मुख्य पहचान यही है की यह दिखने में सफ़ेद होता है। इंग्लिश विलो क्रिकेट बैट को मुख्य रूप से लेदर बॉल के लिए बनाया जाता है। इंग्लिश विलो क्रिकेट बैट, कश्मीरी विलो बैट की तुलना में ज्यादा स्पंजी होता है। इंग्लिश विलो क्रिकेट बैट बाकि बल्लों की तुलना में हल्का होता है। इंग्लिश विलो क्रिकेट बैट की तुलना ग्रेन्स के बेस में करते हैं, आम तौर पर एक अच्छे इंग्लिश विलो क्रिकेट बैट में 6 से 9 ग्रेन्स होते हैं। इंग्लिश विलो क्रिकेट बैट का इस्तेमाल अधिकतर प्रोफेशनल बैट्समैन करते हैं।
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तो यह थी क्रिकेट के बल्लों से सम्बंधित पूरी जानकारी।