Mukteswara Temple History In Hindi: मुक्तेश्वर महादेव मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल जिले में पहाड़ी के सर्वोच्च शिखर पर स्थित है। यह मंदिर मुक्तेश्वर धाम या मुक्तेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर कुमाऊ की पहड़ियों के सर्वोच्च शिखर पर समुद्र तल से 2315 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मुक्तेश्वर धाम का नाम 350 साल पुराने शिव के रूप में चाहिए। मुक्तेश्वर मंदिर के निकट जॉली की पहाड़ी नाम की एक चट्टान है मुक्तेश्वर मंदिर(Mukteswara Temple History In Hindi) को देश के 18 प्रमुख शिवलिंग मंदिरों में गिना जाता है।
मुक्तेश्वर मंदिर की कथा(Mukteswara Temple History In Hindi)
भगवान मुक्तेश्वर महादेव की महिमा मुक्ति के मार्ग को इंगित करती है। भगवान मुक्तेश्वर महादेव के बारे में यह कहते हैं कि भगवान् शिव इस स्थान पर बैठ कर तपस्या करते थे। एक बार यहाँ पर मंदिर के निकट स्थित “चौली की जाली” स्थान पर भगवान् शिव तपस्या में लीन थे। भगवान शिव के तपस्या में लीन होने के समय ही बाबा गोरखनाथ जोगेश्वर स्थित जोगेश्वरी धाम की यात्रा पर निकले थे , चूँकि भगवान में लीन थे तो ऐसे में बाबा गोरखनाथ का मार्ग रुक गया ऐसी स्थिति में बाबा गोरखनाथ ने विशाल चट्टान को अपने गंडासे के एक वार से दो हिस्सों में काट दिया।
शिवलिंग की संरचना
मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में तांबा के साथ सफ़ेद संगमरमर का शिवलिंग है। भगवान भोलेनाथ के मंदिर के अतिरिक्त यहाँ पर भगवान ब्रम्हा, माता पार्वती, भगवान हनुमान, गणेश और नंदी भगवान की प्रतिमाएं विराजमान हैं
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