Beauty Secrets: रानियां-महारानियां प्राचीन समय में दिखने में कितनी खूबसूरत हुआ करती थीं, हर कोई इससे पूरी तरह से वाकिफ है। वे अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए प्राकृतिक चीजों को ही प्रयोग में लाया करती थीं। आज भी इन प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। यदि आप भी उन महिलाओं में से एक हैं, जो घने बाल और दमकती हुई त्वचा पाने के लिए हमेशा नए-नए तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती रहती हैं, तो हम आपको बता दें कि इन्हें छोड़कर यदि आप उन ब्यूटी सीक्रेट्स (Beauty Secrets) को अपना लें, जिन्हें कि प्राचीन समय में रानियां-महारानियां उपयोग में लाती थीं तो इससे आपकी सुंदरता में चार चांद लग जाएंगे। यहां हम आपको इन्हीं चीजों के बारे में बता रहे हैं।
किसी-ना-किसी तरीके से नीम का जो पेड़ है, वह बहुत ही लाभकारी होता है। चेहरे से यदि मुहांसों को हटाना है तो इसके लिए नीम की कुछ पत्तियों को लेकर आपको इन्हें पानी में उबाल लेना चाहिए। इसके बाद एक टोनर की तरह आपको रुई में भिगोकर इसे अपने चेहरे पर लगाना है। दही के साथ नींबू को मिलाकर आप चाहें तो एक पैक भी तैयार कर सकती हैं। आपने जब एक बार इसे अपने चेहरे पर लगा लिया है तो अब ठंडे पानी से अपने चेहरे को आप को धो लेना है।
प्राचीन समय में रानियों-महारानियों के बाल एकदम चमकदार हुआ करते थे। उनकी इन चमकदार बालों का राज जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल वे नीम के तेल से अपने शरीर पर मालिश करवाया करती थीं। नीम के तेल से मालिश किये जाने का असर यह होता था कि इससे बालों से रूसी तो समाप्त हो ही जाती थी, साथ में बाल एकदम चमकदार बन जाते थे। ऐसे में आप भी यदि अपने बालों को चमकदार बनाना चाहती हैं, तो नीम के तेल से आपको अपने बालों की मालिश जरूर करनी चाहिए।
चेहरे के रंग को निखारने के लिए रानियों द्वारा केसर का बड़ा उपयोग किया जाता था। यही वजह थी कि केसर बहुत ही लोकप्रिय हो गया था। ऐसा माना जाता है कि लगभग 13वीं शताब्दी में केसर की खेती फ्रांस में शुरू हुई थी। इसलिए केसर बहुत ही पुराना है। रानियों को शरीर की रंगत को यदि निखारना होता था और चेहरे से झुर्रियों को भी मिटाना होता था तो क्लियोपैट्रा केसर से मिले हुए घोड़ी के दूध से वे स्नान किया करती थीं। यदि आप टैनिंग को हटाना चाहती हैं तो रात में मलाई या दूध में केसर को आपको भिगो कर रख देना है। सुबह में इसे यदि आप चेहरे पर लगाती हैं तो इससे लाभ मिल जाएगा।
शहद को उपयोग में लाना लोगों ने 17वीं शताब्दी में ही शुरू कर दिया था। जले हुए निशान पर यदि आप कच्चे शहद को लगाती हैं तो इसमें जो एंटीसेप्टिक और हीलिंग गुण होते हैं, उसे नियमित रूप से इस पर लगाने से ये जलने के दाग एकदम गायब हो जाते हैं। शहद को मलाई, बेसन और चंदन के साथ मिलाकर आप फेस पैक भी बनाकर इसे इस्तेमाल में ला सकती हैं। चेहरे से यह मास्क अशुद्धियों को तो हटा ही देता है, साथ में आपकी त्वचा को बेहद मुलायम और चिकना भी यह बना देता है।
तुलसी के कुछ बच्चों को पीसकर आपको इसका पेस्ट बना लेना है और इसमें दूध भी मिला देना है। त्वचा पर इसे लगाने से मुंहासे हट जाएंगे और आपकी स्किन हेल्दी बनेगी। प्राचीन काल में जब टूथपेस्ट नहीं थे तो दांत को साफ करने के लिए तुलसी की पत्तियों को पीसकर उसमें संतरे के छिलके के पाउडर को मिला दिया जाता था और लगाया जाता था।
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