फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ जब रिलीज़ हुई थी तब ये दर्शकों को बहुत पसंद आई थी और ये फिल्म हिट भी हुई थी। सनी देओल और अमिषा पटेल के शानदार अभिनय की वजह से ये फिल्म आज भी लोगों के जहन में ताजा है। आप में से अधिकतर लोग आज भी इस बात से अंजान होंगे की फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ को किसी के सच्ची लाइफ स्टोरी पर बनाया गया था। हालांकि एंड में बदलाव भी है। इस फिल्म में हमें दिखाया जाता है कि सनी देओल के लव स्टोरी की हैपी एंडिंग होती है। जबकि सच इसके बिल्कुल उल्टा है। असल में फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ एक असली सैनिक बूटा सिंह के जीवन पर आधारित थी। जब से सनी देओल और अमीषा पटेल की गदर 2 का फर्स्ट लुक और रिलीज डेट अनाउंस हुई है, फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म गदर ने तब बॉक्स ऑफिस पर बंपर कमाई की थी। फिल्म में तारा सिंह के रोल में सनी देओल और सकीना के रोल में अमीषा पटेल की केमिस्ट्री को काफी पसंद किया गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ‘गदर: एक प्रेम कथा’ एक सच्ची कहानी पर आधारित है। इस घटना की चर्चा भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी हुई थी। गदर: एक प्रेम कथा 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान के बंटवारे पर आधारित है। इसमें सनी देओल एक सरदार के रोल में नजर आए थे और अमीषा पटेल एक मुस्लिम लड़की के रोल में नजर आई थीं। ‘गदर: एक प्रेम कथा’ ने तब 2 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे। इस फिल्म की कहानी एक फौजी की जिंदगी पर आधारित है, जिसकी दुखभरी प्रेम कहानी ने भारत से लेकर पाकिस्तान तक लोगों को झकझोर कर रख दिया था। इसी बीच गदर 2 के मेकर्स ने फैसला किया है कि गदर 2 से पहले ‘गदर: एक प्रेम कथा’ को थियेटर में दिखाया जाएगा। हालांकि इसके पीछे की वजह अभी तक सामने नहीं आई है।
सनी देओल ने निभाया था फौजी बूटा सिंह का किरदार(Gadar On Painful Love Story Of Buta Singh Who Died By Suicide)
इस फौजी का नाम बूटा सिंह था, जिसका रोल सनी देओल ने ‘गदर: एक प्रेम कथा’ में निभाया था। बूटा सिंह ब्रिटिश सेना में एक पूर्व सिख सैनिक थे। 1947 में बंटवारे के दौरान भड़के सांप्रदायिक दंगों के दौरान उन्होंने एक मुस्लिम लड़की की जान बचाई थी। इस लड़की का नाम जैनब था। बूटा सिंह को ज़ैनब से प्यार हो गया और बाद में उन्होंने शादी कर ली। दोनों की एक बेटी भी हुई। चूंकि ज़ैनब मुस्लिम थी, इसलिए उसे नव निर्मित पाकिस्तान भेज दिया गया था। जबकि बूटा सिंह को जाने नहीं दिया गया। लेकिन बूटा सिंह ने अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश किया। उन्होंने जैनब से संपर्क करने की काफी कोशिश की। लेकिन जैनब ने परिवार के दबाव में बूटा सिंह से शादी तोड़ दी।
ज़ैनब के मना करने से टूटे बूटा सिंह ने आत्महत्या कर ली
ज़ैनब को उसके चचेरे भाई से शादी करने के लिए मजबूर किया गया था। दूसरी ओर, बूटा सिंह को पकड़ लिया गया। बूटा सिंह पर अवैध रूप से सीमा पार करने का आरोप लगाया गया था। बूटा सिंह को जब कोर्ट में पेश किया गया तो उन्होंने रोते हुए बताया कि जैनब उनकी बीवी है और उनकी एक बेटी भी है। बताया जाता है कि जैनब ने कोर्ट के सामने बूटा सिंह को अपना पति मानने से मना कर दिया। और अपनी बेटी को भी बूटा सिंह के हवाले कर दिया। बूटा सिंह बुरी तरह टूट गए। इससे निराश होकर उन्होंने 1957 में अपनी बेटी के साथ ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इसमें बेटी तो बच गई लेकिन बूटा सिंह की मौत हो गई
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