Will not arrest Kangana Ranaut till January 25: किसान आंदोलन को अलगाववादी समूह से जोड़कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में मुम्बई पुलिस अभिनेत्री कंगना रनौत को 25 जनवरी 2022 तक गिरफ्तार नहीं करेगी। पुलिस ने यह बयान न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की पीठ द्वारा यह कहे जाने के बाद दिया कि यह मामला अभिनेत्री की अभिव्यक्ति की आजादी से जुडा है। इसलिए अदालत उन्हें कुछ अंतरिम राहत देगी।
क्या थीशिकायत
सिख संगठन ने कंगना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराते हुए दावा किया था कि कंगना ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को खालिस्तानी आंदोलन के रूप में पेश किया। इसके आधार पर पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने के तहत मामला दर्ज किया।
अदालत ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक
इसी शिकायत के खिलाफ कंगना ने इस महीने के शुरुआत में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था। अपनी याचिका में कंगना ने कहा कि शिकायतकर्ता ने 21 नवंबर के उनके इंस्टाग्राम पोस्ट पर आपत्ति दर्ज की है लेकिन इस मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का कोई कानूनी आधार नहीं है। कंगना के वकील ने दलील दी कि धारा-295 ए के तहत मामला दर्ज करने के लिए जरूरी है कि आरोपी किसी व्यक्ति या समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करने की मंशा से जानबूझकर आपत्तिजनक टिप्पणी करे। लेकिन इस मामले में अभिनेत्री की ऐसी कोई मंशा नहीं थी। पीठ ने इसके बाद रनौत के सोशल मीडिया पोस्ट का अवलोकन किया और उनके वकील के तर्क पर सहमति जताई।
पूछताछ के लिए पेश नहीं हुई कंगना
पुलिस का पक्ष रख रहे मुख्य लोकअभियोजक अरुणा पाई ने कहा कि खार पुलिस ने एक दिसंबर को कंगना को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था लेकिन उन्होंने अब तक इसका जवाब नहीं दिया है। इस पर कंगना के वकील ने कहा कि वे पूछताछ में सहयोग के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें इस मामले में अपनी गिरफ्तारी की आशंका है। इसलिए पुलिस को बयान जारी कर ये साफ करने की जरूरत है कि वह कंगना को गिरफ्तार करने की इच्छुक है या नहीं। इसपर पीठ ने कहा, ”उनकी अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा का भी बड़ा सवाल है। जबतक पुलिस उनकी गिरफ्तारी को लेकर बयान नहीं देती, हमें उन्हें कुछ राहत देनी होगी।”
इसके बाद अदालत ने पुलिस के बयान को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई 25 जनवरी 2022 तक के लिए टाल दी।