ऑस्कर अवार्ड फिल्मी जगत का सबसे उच्च स्तरीय अवार्ड माना जाता है. इस अवार्ड को पाने के लिए फ़िल्म लाइन से जुड़ा हर एक व्यक्ति अपनी तरफ से सबसे हाई लेवल का काम करने की कोशिश करता है ताकि उनका नाम केवल ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हो जाए. इस अवार्ड को हासिल करने के बाद उस व्यक्ति का नाम विश्वभर के फिल्मी जगत में बहुत सम्मान से लिया जाता है.
ऑस्कर क्यों है खास
ऑस्कर अवार्ड को मामूली पुरस्कार समारोह समझने की भूल न करें. इस पुरस्कार की सबसे खास बात यह है कि इसमें मुकाबला केवल अमेरीका में बनी फिल्मों का नहीं होता बल्कि पूरी दुनिया से बेहतरीन फिल्में इस अवार्ड के अंतर्गत शामिल होती हैं. इस अवार्ड को अकादमी पुरस्कार भी कहा जाता है. इसकी मैनेजमेंट अमेरिका की अकेडेमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज़ करती है. पूरी दुनिया की फिल्में शामिल होने के कारण इसे 200 से अधिक देशों के टीवी चैनलों पर प्रसारित किया जाता है.
ये भारतीय फिल्में हुई नॉमिनेट
भारत की तरफ से भी कई फिल्में ऑस्कर में भेजी गई लेकिन केवल तीन ही मूवी नॉमिनेट हो पाई, जो थी ‘मदर इंडिया’, ‘लगान’ और ‘सलाम बॉम्बे’. हालांकि, भारत की तरफ से 50 से अधिक फिल्में ऑस्कर पुरस्कार के लिए भेजी गई जिसमें हाल ही में रिलीज हुई फ़िल्म गली बॉय’ भी है. इस लिस्ट में राजकुमार राव की फ़िल्म ‘न्यूटन’ भी शामिल है.
शेफ विकास खन्ना ने बनाई फिल्म
भारत के मशहूर शेफ ‘विकास खन्ना’ जब भी किचन में होते हैं वह अपने हाथों के स्वाद से वाह वाही बटोरते हैं. अब उन्होंने अपने हाथों का इस्तेमाल फिल्म बनाने के लिए किया है. बता दें, ‘द लास्ट कलर’ विकास खन्ना की पहली फ़िल्म है. इस फ़िल्म की स्टोरी विकास ने लिखी है और निर्देशन भी खुद विकास ने ही किया है. उनकी पहली ही फ़िल्म सभी फ़िल्म क्रिटिक्स से तारीफें बटोर रही है. इस फ़िल्म में विकास खन्ना के द्वारा की गई मेहनत का फल भी उन्हें मिलते हुए नजर आ रहा है. उनकी पहली ही फ़िल्म ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हो गई है. वह ट्विटर पर इस खबर को शेयर करते हुए कहते हैं कि ‘यह 2020, मेरे लिए सही शुरुआत हुआ है, आप सभी का धन्यवाद’.
बेस्ट फीचर फिल्म की कैटेगरी में हुई नॉमिनेट
‘द लास्ट कलर’ फ़िल्म ऑस्कर में बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नॉमिनेट हुई है. यह जानकारी ‘द मिरेकल ऑफ बिलीफ’ ने फीचर फिल्म की सूची जारी करते हुए दी. फ़िल्म में नीना गुप्ता का मुख्य किरदार है. इसके अलावा फिल्म में राजेस्वर खन्ना, असलम शेख और अक़्सा सिद्दीकी भी मौजूद हैं.
यह है कहानी
फ़िल्म की कहानी वाराणसी शहर में घटती है. जिसमें एक बच्ची छोटी जिसकी केवल एक ख्वाहिश होती है कि वह कैसे भी करके दिन का 300 रुपए बचा लें ताकि वह स्कूल जाकर पढ़-लिख सके. वह वाराणसी में फूल बेचती है और रस्सी पर चलने का करतब करती है. वह और उसका दोस्त चिंटू हर दिन यह काम करते हैं. छोटी की बेस्ट फ्रेंड जिनका नाम नूर (नीना गुप्ता) हैं, एक विधवा महिला है. नूर को हर जगह इग्नोर किया जाता है क्योंकि वह विधवा है. नूर और छोटी की दोस्ती समय दर समय मजबूत होती रहती है. नूर, छोटी को जीवन मे मार्गदर्शन करती हैं. छोटी, नूर से यह वादा करती है कि वह होली में नूर को रंग लगाएगी. लेकिन होली के दिन ही नूर का निधन हो जाता है. इस फ़िल्म में आपको यह देखने को मिलेगा की क्या छोटी नूर से किया वादा पूरा कर पाती है.
जीत चुकी है कई अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड
बता दें, यह फिल्म अब तक कई अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हो चुकी है. सभी लोगों से इस फ़िल्म को खूब प्रशंसा मिल रही है. कान्स इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में सबसे पहली बार लोगों ने इसका पोस्टर देखा था. बोस्टन इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में मूवी की अभिनेत्री नीना गुप्ता को बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड भी मिला और फ़िल्म को बेस्ट फीचर फिल्म का अवार्ड मिला.