Pagglait Trailer: सान्या मल्होत्रा की फिल्म पगलैट का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। आखिरकार इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है। यह नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली है। फ़िल्म में सान्या मल्होत्रा के अलावा प्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा, रघुवीर यादव और अभिनेत्री श्रुति शर्मा भी नजर आने वाली हैं।
फिल्म का निर्देशन उमेश बिष्ट ने किया है और यह फिल्म आगामी 26 मार्च को रिलीज होगी। सान्या मल्होत्रा ने इस फिल्म में संध्या की भूमिका निभाई है। संध्या के पति की मौत शादी के सिर्फ 5 महीने बाद ही हो जाती है।
क्या है पगलैट के ट्रेलर में?
पगलैट का ट्रेलर(Pagglait Trailer), जो कि लगभग 2 मिनट का है, जब यह शुरू होता है तो इसमें बैकग्राउंड में आस्तिक के बारे में बात करती हुई आवाज सुनने के लिए मिलती है। आस्तिक संध्या का पति था जिसकी मौत हो चुकी है। फ़िल्म में संध्या का परिवार और उसके दोस्त चाहते हैं कि संध्या दुखी रहे, लेकिन संध्या भारतीय समाज की विधवाओं की तरह नहीं रहना चाहती है।
यह फिल्म पूरी तरीके से संध्या की जीवन यात्रा को दिखाती है और बताती है कि किस तरीके से वह अपनी अंतरात्मा को पहचानती है।
सान्या ने किया यह पोस्ट
दंगल स्टार ने इस फिल्म के ट्रेलर को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी शेयर किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा है- नेटफ्लिक्स पर पगलैट। इस तरह के फैमिली इवेंट्स भी होते हैं।
कॉमेडी ड्रामा है पगलैट
पगलैट वास्तव में एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म की तरह नजर आ रही है। फिल्म में सान्या की एक्टिंग देखते ही बन रही है। इतने गंभीर दृश्य में भी वे कुछ ऐसी बातें कहती हैं, जिससे कि माहौल हल्का बन जाता है। सभी सान्या से उम्मीद करते हैं कि वह अपने पति की मौत का गम मनाएगी, लेकिन वह तो पानी पूरी खाने और कोला पीने के बारे में सोचती है।
सान्या के डायलॉग्स
इसके बाद जब इंश्योरेंस के पैसे आ जाते हैं, तो फिर तो यहां से एक अलग ही तरह की कॉमेडी देखने के लिए मिलती रहती है। ट्रेलर के अंत में सान्या यह भी कहती हैं कि जब लड़की लोगों को अक्ल आती है न तो सभी उन्हें पगलैट ही कहते हैं।
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निर्देशक को उम्मीद
अपनी फिल्म के बारे में फिल्म के निर्देशक उमेश बिष्ट ने कहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर अनुभव करते हुए इस फिल्म की कहानी को तैयार किया है। वे उम्मीद करते हैं कि सभी इससे खुद को जोड़ पाएंगे। यह एक बहुत ही साधारण कहानी है, जो कि जिंदगी और मौत की बड़ी ही जटिल भावनाओं को एक विधवा के नजरिए से दिखाती है।