मैदे का इस्तेमाल भारत के हर घर की रसोई में जरूरी होता है। विभिन्न प्रकार की स्वादिष्ट डिशें बनाने के लिए लोग इसका प्रयोग करते हैं। इसका उपयोग इंडिया में, समोसे, कचौरी, पिज़्ज़ा, और अन्य प्रकार की मिठाईयां और बेक्ड आइटम्स को बनाने में किया जाता है। अमूमन लोगों का ऐसा मानना है कि, सेहत के लिए मैदा(Maida) का प्रयोग अच्छा नहीं है। मैदे को वजन बढ़ने का प्रमुख कारण माना जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि, मैदा आपकी सेहत के लिए अच्छा भी हो सकता है। जी हाँ आज इस आर्टिकल में हम आपको मैदे के प्रयोग के बारे में बताने जा रहे हैं जो सेहत के लिए अच्छा हो सकता है।
जानें मैदा(Maida) कैसे बनाया जाता है
सबसे पहले मैदा(Maida) कैसे बनता है इस बारे में जान लेना बेहद आवश्यक है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, मैदा भी गेहूं से ही बनाया जाता है। असल में गेहूं का छिलका हटाकर उसे रिफाइंड करके मैदा बनाया जाता है। इस वजह से गेहूं में मौजूद फाइबर ख़त्म हो जाता है। इसके बाद मैदे को बेंज़ॉयल पैराऑक्सीइड से ब्लीच किया जाता है, इसी वजह से मैदे का रंग सफ़ेद हो जाता है। हालाँकि यदि आप रोजाना खाने में मैदे का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके पेट से चिपक जाता है। इस वजह से यह शरीर के लिए नुकसानदेह होता है। हाँ लेकिन यदि आप मैदे का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में करते हैं तो इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
मैदे का इस्तेमाल ऐसे करने से नहीं होगा नुकसान
मैदे से बनी चीजों को डीप फ्राई करने से यह ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। यदि मैदे से बनी चीजों को डीप फ्राई करने की जगह उन्हें एयर फ्राई, स्टीम या बॉयल करके खाने में इस्तेमाल किया जाए तो यह नुकसानदेह नहीं होता है। उदाहरण के लिए स्टीम्ड मोमोज आपकी सेहत के लिए फ्राइड की तुलना में ज्यादा अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही यदि आप मैदे(Maida) में आटा, सूजी, बाज़रा आदि मिलाकर खाते हैं तो इससे नुकसान होने की उम्मीद कम रहती है। मैदे का इस्तेमाल केक बनाने के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है। लिहाजा यदि आप मार्केट के बने केक की तुलना में घर में ही चीनी की मात्रा कम रख कर केक बनाते हैं तो उससे नुकसान कम होता है। घर पर केक बनाते समय मैदे में किसी अन्य आटे को भी मिक्स किया जा सकता है।