कश्मीर की एक महिला शिक्षिका रूही सुल्ताना(Ruhi Sultana) को उनके शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए इस साल राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 के लिए चुना गया है। रूही का छात्रों को पढ़ाने का ‘प्ले वे तरीक़े’ का पॉपुलर हो गया है जिसके इस्तेमाल से वह बच्चों को हर चीज़ को बड़ी बारीकी और अद्भुत ढंग से पढ़ाती हैं। रूही ने इस पुरस्कार को अपने छात्रों और शिक्षा विभाग के नाम कर दिया है।
श्रीनगर के नौशेरा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली रूही सुल्ताना(Ruhi Sultana) प्राथमिक विद्यालय डंगर पोरा, तेलबल श्रीनगर में एक सरकारी शिक्षक(Government Teacher) के रुप में कार्यरत हैं। उन्होंने उर्दू और कश्मीरी भाषाओं में बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) किया है। वहीं, सुलेख में उनके पासे तीन साल की डिग्री भी प्राप्त की है।
बचपन से शिक्षक बनने का था सपना
न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए रूही ने कहा, ‘मैंने अपनी एज़ुकेशन सरकारी संस्थानों से हासिल की है क्योंकि मैंने अपनी मास्टर्स उर्दू और कश्मीरी भाषाओं में पूरी की है, मैंने बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन), सुलेख में एक डिग्री कोर्स और एक सर्टिफिकेट कोर्स हिंदी में किया है। मैं बचपन से ही एक शिक्षक बनना चाहती थी। मुझे खुशी होती है, जब मेरे आसपास के छात्र मुझे प्रेरित करते हैं।’
ख़ुद को एक फ़ैसिलेटर कहने वाली रूही(Ruhi Sultana) ने कहा, ‘मैं उर्दू और कश्मीरी विषयों के लिए एक कंटेंट क्रियेटर के तौर पर स्कूली शिक्षा से जुड़ी हूं। मैं दीक्षा में ई-कंटेंट क्रियेटर के रूप में काम करती हूं और श्रीनगर में ऑल इंडिया रेडियो प्रसारण के माध्यम से छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस भी उपलब्ध कराती हूं।’
रूही(Ruhi Sultana) ने बच्चों को पढ़ाने वाले टीचरों के किरदार के बारे में बात करते हुए कहा कि एक शिक्षिका न केवल बच्चों को पढ़ाती है, बल्कि उन्हें मानवता के बारे में ज्ञान देकर एक बेहतर इंसान भी बनाती है।
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‘मैं अपने छात्रों को पढ़ाने के लिए एक प्ले-वे मेथड यूज़ करती हूं। मैं उन्हें पढ़ाने के लिए इनोवेटिव तरीक़ों का इस्तेमाल करती हूं ताकि छात्रों को क्लास में सीखने के दौरान सभी कॉन्सेप्ट क्लियर हो सकें।’