Budget 2020: इंतजार खत्म हो गया है और केंद्रीय बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आज 1 फरवरी, 2020 को पेश कर दिया गया है। इसमें टैक्सधारकों को वित्त मंत्री की ओर से बहुत बड़ी राहत प्रदान की गई है। जी हां, अब 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर हीं चुकाना पड़ेगा। साथ में टैक्स स्लैब की व्यवस्था को भी छह भागों में बांटे जाने का ऐलान वित्त मंत्री द्वारा किया गया है।
इन्हें देना होगा इतना कर
अब जिन लोगों की आय 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये की होगी, उन्हें टैक्स के तौर पर केवल 10 प्रतिशत का ही भुगतान करना पड़ेगा। इससे पहले जो व्यवस्था चली आ रही थी, उसमें 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी आयकर देना पड़ रहा था, लेकिन नई घोषणा के बाद 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक की आय पर केवल 10 प्रतिशत और 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर केवल 15 फीसदी आयकर का ही भुगतान करना पड़ेगा।
10 लाख से अधिक हो तो
वहीं, जिन लोगों की आय 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये होगी उन्हें 20 प्रतिशत आयकर का ही भुगतान करना पड़ेगा। साथ ही जो लोग 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं, उन्हें टैक्स के तौर पर 25 फीसदी का ही भुगतान करना पड़ेगा। इससे अधिक जिन लोगों की भी आय होगी, उन्हें आयकर के तौर पर 30 प्रतिशत का भुगतान करना पड़ेगा।
आर्थिक सर्वेक्षण में क्या?
बीते शुक्रवार को यानी कि बजट के एक दिन पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण को भी पेश किया गया था। इस सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020 से 21 के दौरान आर्थिक विकास दर 6 से 6.5 प्रतिशत रहेगा। हालांकि, वर्तमान में जो वित्तीय वर्ष चल रहा है, इसमें जीडीपी ग्रोथ के 5% से भी कम रह जाने का अनुमान है।
निर्यात पर फोकस
इस सर्वे में इस बात पर अधिक बल दिया गया है कि देश में निर्यात व्यापार पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जाए और इसे प्रोत्साहित करते हुए इसका बड़े पैमाने पर विस्तार भी किया जाए। आर्थिक सर्वे में इस बात का भी सुझाव दिया गया है कि चीन के मॉडल का अनुसरण भारत को भी करना चाहिए। इसके अंतर्गत दुनिया के अमीर देशों को टारगेट करने की कोशिश करनी चाहिए और उनके बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन करते हुए निर्यात को बढ़ावा देना चाहिए। इस तरह से निर्यात उद्योग को बढ़ावा देते हुए 2025 तक इसके जरिए 4 करोड़ नौकरियां एवं 2030 तक 8 करोड़ रोजगार के अवसरों के सृजन का भी अनुमान इस सर्वे में लगाया गया है।