Double Lane For Char Dham Road Project: चारधाम सड़क चौड़ीकरण परियोजना को अब बहुत जल्द पूरा किया जाने वाला है। चीन के साथ सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस परियोजना को मंजूरी दे दी। चीन के साथ हाल के दिनों में बढ़े तनाव के मद्देनजर इस सड़क के जरिए भारतीय सेना को चीन की सीमा तक पहुंचने में आसानी होगी।
निगरानी समिति तैयार करेगी परियोजना की रिपोर्ट(Double Lane for Char Dham Road Project)
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पूर्व न्यायाधीश एके सीकरी की अगुवाई में एक निगरानी समिति का भी गठन किया, जो समय-समय पर इस प्रोजेक्ट की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देती रहेगी। इस निगरानी समिति को रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और सभी जिला न्यायाधीशों से सहयोग मिलेगा।
उत्तराखंड के चार शहर होंगे आपस में कनेक्ट
12,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस रणनीतिक 900 किलोमीटर लंबी चारधाम परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ तक हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
क्या था विवाद
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सितंबर 2020 के उस आदेश में संशोधन की मांग की थी, जिसमें चारधाम सड़कों की चौड़ाई को 5.5 मीटर तक सीमित करने के लिए कहा गया था। केंद्र ने तर्क दिया था कि यह भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की ओर जाने वाली सड़के हैं और इनके रणनीतिक महत्व को देखते हुए उन्हें 10 मीटर तक चौड़ा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके खिलाफ एक याचिका दायर करते हुए कहा गया कि हिमालय के पर्यावरण की स्थिति खतरे में है। अभी तक आधी परियोजना पूरी हुई है और इसकी वजह से होने वाले हादसों को दुनिया ने देखा है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि चारधाम क्षेत्र में भी विकास के नाम पर अंधाधुंध निर्माण जारी है, फौरन इनको रोकने की जरूरत है।
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इसस पहले 11 नवंबर को चारधाम परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने केंद्र और याचिकाकर्ता दोनों की दलीलें विस्तार से सुनी थी और दोनों पक्षों से लिखित में सुझाव भी देने को कहा था।