Fire Crackers Will Not Burst In Delhi: राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पिछले तीन वर्षों की तरह इस वर्ष भी बिक्री, भण्डारण और उपयोग पर रोक रहेगी। इस बात की जानकारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये दी। दिल्ली में हर साल दिवाली के समय प्रदूषण खतरनाक स्थिति पर पहुंच जाता है, मुख्यमंत्री ने यह फैसला दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए लिया है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है की “पिछले 3 साल से दीवाली के समय दिल्ली के प्रदूषण की खतरनाक स्तिथि को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।”
अरविन्द केजरीवाल ने दुसरे ट्वीट में व्यापारियों से अपील करते हुए कहा -“पिछले साल व्यापारियों द्वारा पटाखों के भंडारण के पश्चात प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए देर से पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था, जिससे व्यापारियों का नुकसान हुआ था। सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए किसी भी तरह का भंडारण न करें।”
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर अरविन्द केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से माँगा समय(Fire Crackers Will Not Burst In Delhi)
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाने के उपायों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात का समय मांगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संबंध में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री के सचिव ने केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव को एक पत्र भी लिखा है।
बता दें कुछ दिन पहले अरविन्द केजरीवाल में पराली जलाने और प्रदूषण के रोकथाम के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने पराली जलाने के बजाये बायो डिकम्पोजर के इस्तेमाल पर जोर दिया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा था की ‘ अब अक्टूबर-नवम्बर आने वाला है, 10 अक्टूबर के आस- पास से दिल्ली की हवा फिर से खराब होने लगेगी और इसका बड़ा कारण है आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से आने वाला धुआं। अभी तक सभी राज्य सरकारें एक-दूसरे पर छींटाकशी करती रही हैं, लेकिन दिल्ली सरकार ने समाधान निकाल लिया है।
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इसके अलावा अरविन्द केजरीवाल ने किसानो के सम्बन्ध में कहा की -किसान धान की फसल अक्टूबर के महीने में काटता है, जो डंठल ज़मीन पर रह जाता है उसे पराली कहते हैं। किसान को गेहूं की फसल की बुआई करनी होती है इसलिए किसान पराली जला देता है लेकिन दिल्ली सरकार बायो डिकम्पोजर का छिड़काव करवा रही है।
बता दें पिछले वर्ष भी दिल्ली सरकार ने मुफ्त में खेतों में बायो डिकम्पोजर का मुफ्त छिड़काव कराया था।