100 वर्ष पहले 1919 में आज ही के दिन, जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ था। जब ब्रिटिश सैनिकों ने हजारों निहत्थे लोगों पर गोलीबारी की थी, जो कि अमृतसर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे। जलियांवाला बाग में कुछ 50 ब्रिटिश सैनिकों द्वारा की गयी गोलीबारी में कम से कम 400 लोग मारे गए थे। 100 साल पहले चलाई गयी गोलियों के निशान आज भी वहाँ की दीवारों पर स्थित है। यह हत्याकाण्ड औपनिवेशिक क्रूरता का प्रतीक है।
जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड शताब्दी वर्ष (Jallianwala Bagh Hatyakand Shatabdi Varsh)
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ट्वीट किया “आज से 100 साल पहले हमारे प्रिय स्वतंत्रता सेनानी जलियांवाला बाग में शहीद हुए थे। एक भयानक हत्याकांड, सभ्यता पर एक दाग, बलिदान का वो दिन भारत कभी नहीं भूल सकता।”
A 100 years ago today, our beloved freedom fighters were martyred at Jallianwala Bagh. A horrific massacre, a stain on civilisation, that day of sacrifice can never be forgotten by India. At this solemn moment, we pay our tribute to the immortals of Jallianwala #PresidentKovind pic.twitter.com/tNt0v5aFWv
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 13, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा “भारत उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देता है, जो उस घातक दिन शहीद हुए थे। उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनकी स्मृति हमें उस भारत के निर्माण के लिए और भी अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है जिस पर उन्हें गर्व होगा।”
Today, when we observe 100 years of the horrific Jallianwala Bagh massacre, India pays tributes to all those martyred on that fateful day. Their valour and sacrifice will never be forgotten. Their memory inspires us to work even harder to build an India they would be proud of. pic.twitter.com/jBwZoSm41H
— Narendra Modi (@narendramodi) April 13, 2019
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी ट्वीट किया “आज क्रूर जलियांवाला बाग हत्याकांड की शताब्दी है,एक कलंकित दिन जिसने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का रास्ता बदल दिया। हमारी स्वतंत्रता की कीमत को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।”
Today is the centenary of the brutal Jallianwalla Bagh massacre, a day of infamy that stunned the entire world and changed the course of the Indian freedom struggle.
The cost of our freedom must never be forgotten.
#JallianwalaBaghCentenary pic.twitter.com/f13691imZd
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 13, 2019
दुखद दिन को चिह्नित करने के लिए सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार शाम को अमृतसर में कैंडललाइट मार्च निकाला था।
जलियांवाला बाग हत्याकांड ब्रिटिश गुलामी के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे काले अध्यायों में से एक है। ब्रिटिश सरकार ने 100 साल बाद भी हत्याकांड पर खेद जताया है।
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