Lockdown India: तालाबंदी की वजह से देश के कई हिस्सों में अलग अलग राज्यों के लाखों मजदूर फंसे हुए हैं और अब इन्हें उनके घर वापस लाने का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अनुमति मिली है। इसके बाद अलग अलग राज्यों ने अपने मजदूरों को वापस लाने के काम में लग गई हैं।
दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी मजदूर हैं, जो पैदल ही अपने अपने घर की तरफ लौट रहे हैं। केंद्र की ओऱ से वापसी की इजजात मिलने के बाद मजदूर सड़क पर आए गए और घर वापस जाने वाले मजदूरों का समूह सड़कों पर दिख रहा है।
तपती धूप में पैदल अपने घर की तरफ निकले हुए मजदूर कह रहे हैं कि उनके घर में खाने को कुछ नहीं है और अभी काम धंधा भी बंद है। मजदूरों का कुछ जत्था जयपुर अजमेर हाइवे पर दिखा, वहीं राजस्थान में कुल 8 जिले हैं, जो कोरोना संक्रमण के कारण रेड जोन घोषित हैं।
तेलंगाना से झारखंड रवाना हुई ट्रेन (Lockdown India)
केंद्र की ओर से अनुमति मिलने के बाद पिछले करीब 40 दिनों से फंसे देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं तथा अन्य लोगों को वापस लाने की प्रक्रिया कई राज्य तेजी से कर रहे हैं। कई राज्य, केंद्र से ये भी मांग कर रहे हैं कि मजदूरों को वापस लाने के लिए ट्रेनें चलाई जाए। राज्यों की मांग पर पहली स्पेशल ट्रेन चला दी गई है। यह ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपेल्ली से झारखंड के लिए शुक्रवार की सुबह मजदूरों को लेकर रवाना हुई है।
स्पेशल ट्रेन चलने के बाद विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों में अपने घर लौटने की एक उम्मीद की किरण जगी है। कई लोगों के दिमाग में ये सवाल भी है कि, क्या दिल्ली मुंबई तथा अन्य जगहों पर फंसे मजदूरों के लिए ऐसे ही स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी? राजस्थान समेत पंजाब, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, बिहार, झारखंड और तमिलनाडु सरकार ने प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के लिए स्पेशल ट्रेनों की मांग की है।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और तेलंगाना सरकार की मांग से स्पेशल ट्रेन शुरू हुई है। सीएम हेमंत सोरेन ने तेलंगाना में फंसे 9 लाख मजदूरों के घर वापसी को लेकर रेलमंत्री पीयूष गोयल से चर्चा की थी। हेमंत सोरेन ने रेलमंत्री से बातचीत में कहा था कि मजदूरों छात्रों और अन्य लोगों को वापस लाने के लिए ट्रेनों की जरूरत होगी।
राज्यों के मांग को देखते हुए रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन रवाना की है। माना जा रहा है कि ये ट्रेन 1 मई की रात 11 बजे तक झारखंड के हाटिया पहुँच जाएगी। इस ट्रेन में बड़ी संख्या में मजदूरों के घर पहुँचने की उम्मीद है। ट्रेन चलाने के बाद रेल मंत्रालय ने कहा कि, राज्य सरकारों की अपील पर ये स्पेशल ट्रेल चलाई गई है। साथ ही इसमें सभी तरह के नियमों का पालन करवाया जा रहा है।
राजस्थान सरकार ने स्पेशल ट्रेन की मांग की
केरल के सीएम पिनरई विजयन कहते हैं कि केरल में 20 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर कैंप हैं। और इन कैंपों में करीब 3.60 लाख मजदूर हैं। सीएम ने कहा कि इनमें से अधिक मजदूर उत्तर भारत के हैं और ऐसे में इन्हें सड़क मार्ग से वापस भेजना काफी मुश्किल है। और ये विकल्प कोरोना वायरस के संक्रमण को भी बढ़ा सकता है। वहीं राजस्थान सरकार ने भी देश के अलग अलग हिस्सों से मजदूरों को वापस लाने के लिए ट्रेन चलाने की मांग की है।
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