Mohan Yadav Biography In Hindi: बीता दिन मध्यप्रदेश की राजनीति के सबसे अहम दिनों में एक रहा है, विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत को प्राप्त करने के बाद कल भोपाल में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई और इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विधायक दल का नेता चुनना था। इस बैठक के बाद जो नाम सबके सामने आया वो बहुत ही चौंकाने वाला था और विधायक दल ने अपने नेता के रूप में उज्जैन दक्षिण सीट के विधायक डॉक्टर मोहन यादव को चुना। जी हाँ अब डॉक्टर मोहन यादव मध्यप्रदेश के नवनिर्वाचित विधायक नियुक्त हुए हैं और आज के इस लेख में हम आपको इन्हीं के जीवन से जुड़ी हुई हर एक छोड़ी बड़ी घटनाओं से अवगत कराएंगे।
प्रारम्भिक जीवन
मध्यप्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जन्म 12 मार्च 1965 के दिन उज्जैन में पिता पूनमचंद यादव और माँ लीलाबाई यादव के घर हुआ। नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी प्रारम्भिक और उच्च शिक्षा उज्जैन से ही प्राप्त की और इन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। इन्होंने सीमा यादव से शादी की है और इनके परिवार में दो पुत्र और एक बेटी है।
छात्रसंघ के रूप में शुरू किया राजनीतिक सफर(Mohan Yadav Biography In Hindi)
नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उच्च शिक्षा के दिनों से ही राजनीति में रुचि लेना शुरू कर दिया था और साल 1982 में वो पहली बार छात्रसंघ के सह सचिव बनाए गए। 1984 में वो छात्रसंघ के अध्यक्ष और साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री के पद से मनोनीत किए गए, छोटे स्तर पर इनकी कार्यकुशलता को देखते हुए आलाकमान ने इन्हें साल 1989 में प्रदेश इकाई में मंत्री का पद दिया और 1991 में इन्हें राष्ट्रीय कार्यकर्णी में मंत्री पद का दायित्व सौंपा गया। साल 2002 में विक्रम विश्वविद्यालय ने इन्हे अपने कार्यकारी परिषद का सदस्य चुना और ये कई वर्षों तक इस पद पर अभिषिक्त रहे।
2011 में मिली प्रदेश कैबिनेट में जगह
नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को शिवराज सिंह की सरकार ने साल 2011 में दर्ज प्राप्त कैबिनेट मंत्री के रूप में चुना और पहली बार साल 2013 में इन्होंने उज्जैन दक्षिण की सीट से जीत दर्ज कर विधानसभा में अपनी जगह बनाई और इसके बाद ये लगातार विधानसभा चुनाव जीतते रहे। साल 2020 में जब चौथी बार शिवराज सिंह की सरकार अस्तित्व में आई तो इन्हें प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई और इस साल 2023 के चुनाव में जब इन्होंने जीत हासिल की तो इन्हें विधायक दल से अपने नेता के रूप में स्वीकार किया। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि, नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी माने जाते हैं।
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