RBI Interest Rate Hike: लोग पहले से ही बढ़ती महंगाई से परेशान है लेकिन रिजर्व बैक ऑफ इंडिया के कुछ फैसले हुए हैं जिसके बाद महंगाई तो सिर चढ़कर बोलेगी और लोगों को इसी में रहना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने समय के बाद 4 मई को रेपो रेट बढ़ाने का फैसला सुनाया है. अब रेपो रेट एक पल में 0.40 फीसदी से बढ़कर 4.40 फीसदी हो जाएगा. इसके साथ ही सस्ते लोन का दौर भी समाप्त होगा. रिजर्व बैंक के इस फैसले के बाद आम लोगों के ऊपर घर और कार की ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा.
रिजर्व बैंक ने एमपीसी की बैठक में लिया फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 4 मई को अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. समें उन्होंने मीडिया को बताया कि रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाने का निर्णय बोर्ड ने लिया है. उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि सेंट्रल बैंक मौद्रिक नीति समिति ने इकोनॉमी के हालात पर ये चर्चा की और फैसला लिया कि रेपो रेट को बढ़ाया जाए. इस बैठक में MPC के सदस्यों ने एकमत होकर रेपो रेट को 0.04 बढ़ाने का फैसला लिया है. एमपीसी ने बताया कि उन्होंने ये फैसला बढ़ती हुई महंगाई के कारण लिया है.
RBI Governor ने एमपीसी की मीटिंग के बाद मीडिया को संबोधन के लिए बुलाया और कहा कि मार्च, 2022 में खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी है. ये बढ़त अभी तक 7 फीसदी तक पहुंची है और इसमें खासकर खाने-पीने की चीजें बढ़ी हैं और इसके कारण हेडलाइन सीपीआई इंफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ने लगी और इसने जिओपॉलिटिकल टेंशन को बढ़ाया हुआ है. रूस और यूक्रेन की जंग के कारण गेहूं सहित कई अनाज के दाम भी बढ़े हैं. इस तनाव से ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर बहुत बुरा पड़ा है और गर्वनर दास इसी जिओपॉलिटिकल टेंशन के बारे में जिक्र किए थे.
आम लोगों पर कैसे पड़ेगा असर?
रेपो रेट बढ़ने से सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा. पहले से महंगाई की मार झेलने वाले लोगों की जब EMI बढ़ेगी तो लोगों को झटका जरूर लगेगा. सेंट्रल बैंक ने इस फैसले के बाद होम लोन और काल लोन सहित तमान तरह के कर्जों पर ब्याज दरों को बढ़ा दिया है और इससे EMI का असर लोगों की जेब पर जाने लगेगा. जैसा कि आप जानते हैं कि 8 अप्रैल को वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए RBI की पहली मॉनीटरी पॉलिसी बीव्यू के लिए मीटिंग रखी गई थी. उस दौरान रिजर्व बैंक ने रिकॉर्ड लगातार 11वीं बैठक हुई जिसमें रेपो रेट और रिजर्व रेट को पुराने स्तर पर बनाए रखा गया मगर संकेत बदल दिए. उस समय RBI के गर्वनर शक्तिकांत दास ने बाताया था कि महंगाई को बड़ा रिस्क नहीं है और केंद्रीय बैंक का इकोनॉमिक ग्रोथ पर पूरी तरह से फोकस है. RBI के अनुसार, 2022-2023 में महंगाई दर 5.7 फीसदी पर रहने का अनुमान बताया गया है.
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