68 साल बाद एक बार फिर सरकारी एयरलाइन्स एयरइंडिया टाटा ग्रुप के हाथों में आ गयी है। एक रिपोर्ट के अनुसार टाटा संस ने एयर इंडिया की बोली जीत ली है। टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने आखिरी बोली लगाई थी। हालाँकि भारत सरकार ने इस दावे को ख़ारिज कर दिया है। सरकार ने बताया की अभी तक एयर इंडिया किस कंपनी को सौपी जाती है, इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी और रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है।
एयर इंडिया की पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार ने टेंडर मंगाए थे। आपको बता दें सरकार इसी वित्त वर्ष सरकारी एयरलाइंस “एयर इंडिया” का प्राइवेटाइजेशन पूर्ण करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
टाटा ने शुरू की थी एयर इंडिया
आपकी जानकारी के लिए बता दें 1932 में टाटा ग्रुप के जे.आर.डी. टाटा ने एयर इंडिया की शुरुआत की थी। पहले इसका नाम टाटा एयर सर्विस था, 1938 में टाटा एयर सर्विस की ओर से घरेलू उड़ने चालू की गयी थी। दुसरे विश्व युद्ध के पश्चात इसे सरकारी कंपनी में तब्दील कर दिया गया।
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कर्ज में डूबी है एयर इंडिया
एयर इंडिया इस समय भरी- भरकम कर्ज से जूझ रही है, इंडियन एयरलाइन्स का एयर इंडिया से 2007 में विलय के बाद कभी भी मुनाफे में नहीं गयी। आपको बता दें एयर इंडिया पर 31 मार्च 2019 तक 60,074 का कर्ज था ।