अरब सागर में बना चक्रवाती ‘वायु’ (Vayu Cyclone) जहां पहले महाराष्ट्र की ओर बढ़ रहा था वही अब उसका रूख गुजरात की ओर हो गया है और अब वो गुजरात की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है जिससे गुजरात के तटीय इलाकों में भारी तबाही की आशंका बन रही है। लिहाज़ा सरकार ने गुजरात के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट जारी करने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी खास एडवाइज़री जारी की है। और उन्हे सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गांधीनगर में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, सेना के साथ-साथ आपदा प्रबंधन के अधिकारियों के साथ भी बैठक की और तैयारियों का जायज़ा लिया है।
इन इलाकों में ज्यादा है ख़तरा Vayu Cyclone
यूं तो इस ‘वायु’ चक्रवात तूफान का असर पूरे गुजरात में ही दिखेगा लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान भावनगर, अमरेली, गीर, सोमनाथ, जूनागढ,पोरबंदर और जामनगर में होने की आशंका है। लिहाज़ा इन इलाकों में 48 घंटे का अलर्ट जारी करते हुए मंगलवार और बुधवार को स्कूल, कॉलेज और आंगनवाडी केंद्र बंद रखे गए हैं। जबकि अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है।
13 जून को तट पर पहुंचने की है आशंका Vayu Cyclone
कहा जा रहा है कि चक्रवाती तूफान ‘वायु’ 13 जून को वेरावल तट से टकरा सकता है। वो तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। वही 13 जून को वायु के तट पर पहुंचने के दौरान इसकी रफ्तार 140 से 150 किमी. प्रति घंटा तक हो सकती है।
मछुआरों और पर्यटकों को तट पर न जाने की सलाह
वही समुद्री तटों से सटे इलाकों में मछुआरों और पर्यटकों के लिए खास निर्देश जारी करते हुए सरकार ने कहा कि वो किनारे पर या समुद्र में ना जाएं। पर्यटकों से जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील भी की गई है।
वायु से पड़ सकता है उत्तर भारत में मानसून पर असर Monsoon will be weak from Vayu cyclone
कहा जा रहा है कि वायु चक्रवाती तूफान का असर केवल गुजरात, महाराष्ट्र या तटीय इलाकों पर ही नहीं दिखाई देगा बल्कि इसका असर पूरे उत्तर भारत के मानसून पर भी पड़ सकता है। दरअसल, आशंका जताई जा रही है कि कहीं ये तूफान मानसून के बादलों को ही ना ले उड़े। अगर ऐसा हुआ तो उत्तर भारत में मानसून की राह देख रहे उन किसानों के लिए बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी जो अपनी खेती के लिए मानसून की बारिश पर ही निर्भर रहते हैं। साथ ही गर्मी से हाहाकार मचेगा सो अलग।