World Bank cuts India’s GDP growth: कोरोना संकट का भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बुरा असर पड़ा है और वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत की जीडीपी यानी कि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को जो विश्व बैंक ने पहले घटाकर 10.1 प्रतिशत किया था, उसे भी अब इसने फिर से घटाकर 8.3 प्रतिशत कर दिया है।
बढ़ाने के बाद घटा दिया
इसी वर्ष जनवरी में विश्व बैंक की ओर से जनवरी में वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 5.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, जिसे कि अप्रैल में बढ़ाकर इसकी ओर से 10.1 प्रतिशत कर दिया गया था। एक बार फिर से इसके द्वारा अनुमान को कम किया जाना अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता करने की नई वजह दे रहा है। इसके अलावा विश्व बैंक की ओर से वर्ष 2023-24 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर के 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
सुधारों को पहुंचा नुकसान
विश्व बैंक की तरफ से कहा गया है कि कोरोना महामारी की अब तक की सबसे खतरनाक दूसरी लहर की वजह से अर्थव्यवस्था में सुधार को व्यापक नुकसान पहुंचा है। विश्व बैंक ने वर्ष 2022-23 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर के 7.5 प्रतिशत रहने की संभावना व्यक्त की है।
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कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव
कोरोना महामारी की दूसरी लहर और इस पर नियंत्रण पाने के लिए बीते मार्च से स्थानीय स्तर जो पाबंदियां लगाई गईं और इनसे जो अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा, इन पर वित्त वर्ष 2021-22 के अनुमान में ध्यान दिया गया है। दरअसल विश्वबैंक की ओर से ग्लोबल इकोनामिक प्रॉस्पेक्ट्स नामक रिपोर्ट के हालिया अंक में भारत में 2020-21 की दूसरी छमाही में मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र में तेजी से पुनरूद्धार को देखने की बात कही गई थी, मगर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने इस पर बहुत ही बुरा असर डाला है।