Coronavirus Pandemic: दुनियाभर में कोरोना मरीजों की तादाद बीते 3 अप्रैल को एक मिलियन यानी कि 10 लाख को भी पार कर गई थी। ऐसे में पूरी दुनिया का ध्यान इस वक्त इसी पर केंद्रित था कि किस तरीके से इस महामारी पर नियंत्रण पाया जाए। उसी दौरान हमेशा की तरह चीन के लिए दक्षिणी चीन सागर में व्यापार जारी था।
वियतनाम की नावों पर कब्जा (Coronavirus Pandemic China Wages Silent War)
दक्षिणी चीन सागर चीन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह उसका प्रमुख व्यापारिक मार्ग है। चीन के जो जहाज यहां निगरानी करते हैं, उन्होंने यहां विवादित पानी में मछली पकड़ने के लिए आए एक वियतनामी नाव को टक्कर मार दिया। इस नाव को उन्होंने डुबो दिया। इस नाव पर 8 लोग सवार बताए जा रहे थे। यही नहीं, चीन ने वियतनाम की दो और नावों को अपनी गिरफ्त में भी ले लिया।
बढ़ रहे चीनी उत्पीड़न के मामले
बीते करीब एक हफ्ते से चीन की ओर से लगातार यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है। चीन के उत्पीड़न के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अपनी स्थिति को चीन यहां लगातार मजबूत करने में जुटा हुआ है, क्योंकि चीन के अलावा इस संपन्न जल संसाधन के पांच और दावेदार भी हैं। चीन के अतिरिक्त ताइवान, वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई द्वारा भी इस द्वीप पर अपना दावा किया जाता है। कोरोना मरीजों की तादाद इन देशों में लगभग 11 हजार के करीब है। यहां इससे रक्षा गतिविधियां बाधित हुई हैं, पर चीन में इसका असर उतना नहीं पड़ा है।
दिखा रहा बर्चस्व
चीन के लिए कोरोना वायरस अब विदेशी संकट हो गया है। वह लगातार अपने पड़ोसी देशों को अपना वर्चस्व दिखा रहा है। जनवरी से अब तक फिलिपीन के कब्जे वाले पगासा द्वीप के पास कम-से-कम 130 चीनी जहाज देखे जा चुके हैं। दो बड़े मानव निर्मित द्वीपों पर चीन की ओर से रिसर्च स्टेशन भी तैयार करके यहां रिसर्च का काम शुरू कर दिया गया है। विवादित द्वीप समूह-Spratlys में इन रिसर्च स्टेशनों द्वारा फील्ड नेविगेशन और रिसर्च किये जा रहे हैं। ताइवान के तट पर भी मार्च के बाद से चीनी लड़ाकू विमानों को जमकर अभ्यास करते हुए देखा गया है। जलमार्गों पर स्थाई नियंत्रण के लिए चीन ने एक तरीके से मौन युद्ध छेड़ दिया है। इस पर यदि जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो संभव है कि कई जलमार्ग प्रभावित हो जाएंगे।