Advantages of air purifier in Hindi: आजकल शहर में हवा का एक कण शुद्ध नहीं रह गया है, हर जगह धूल, मिट्टी और दुर्गंध से हमारे फेफड़ों को अपना काम करने में परेशानी होती है। अगर ये ठीक से काम नहीं करे तो हमें सांस लेने में भी दिक्कत होने लगे। दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 शहर भारत के ही हैं। साल 2014 में WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक पटना, ग्वालियर, रायपुर, अहमदाबाद और लखनऊ जैसे चर्चित शहरों में हालत और बुरी है। ऐसे में Air purifier की चर्चा करना जरूरी हो जाता है। बहुत से लोग एयर प्यूरिफायर के बारे में कहते हैं कि कोई बबल के सहारे भला कितना जी सकता है व्यक्ति को हर हाल में बाहर निकल कर ताजा हवा लेनी ही होगी। मगर मेरा आपसे सीधा सवाल है कि क्या सच में बाहर हम सभी को ताजा हवा मिलती है ?
इस वजह से है एयर प्यूरिफायर जरूरी (Advantages of Air Purifier in Hindi)
एक व्यक्ति एक घंटे में औसतन 1000 बार सांस लेता है लेकिन अगर हमारे अंदर इसी तरह से प्रदूषित हवा जाती रहेगी तो आपका शरीर अंदर से कमजोर होता जाएगा। एयर प्यूरिफायर हवा को साफ रखने वाले फिल्टर्स का सेट होता है जिसका फिल्टर जाम हो जाता है। इसे आप वैक्यूम क्लीनर से साफ कर सकते हैं लेकिन एक हद तक, फिर भी आप इसे कभी धोने की गलती नहीं करिएगा। एक महीने के बाद आप एयर प्यूरिफायर में फंसी गंदगी साफतौर पर देख पाएंगे जो अगर एयर प्यूरिफायर नहीं होता तो सीधे आपके फेफड़ों तक पहुंच जाती। हवा में सिर्फ PM 2.0 और PM10 मौजूद नहीं रहते हैं बल्कि कई टन धूल, एलर्जी पैदा करने वाले तत्व और गंदे जावनरों के बार या दुर्गंध भी इसके जरिए आपके घर में नहीं आ सकेंगे।
इस तरह चुने एयर प्यूरिफायर
जब भी आप Air purifier खरीदने जाएं तो ध्यान रखे कि प्यूरीफायर दरवाजे और खिड़की बंद करने के बाद ही ठीक से काम करता है। फिल्टर की कैपेसिटी कमरे के आकार के हिसाब से ही होनी चाहिए। कई प्यूरिफायर की जांच करने के बाद ये पाया गया कि Air purifier की खासियत इन बिल्ड ह्यूमिडफायर होती है। जिसमें एक वॉटर टैंक होता है जो जरूरत पड़ने पर ह्यूमिडिटी को पैदा करता है और इसके दूसरे फीचर्स में टाइमर, स्लीप मोड, चाइल्ड लॉक और एयर क्वालिटी मॉनिटर पाया जाता है। अगर आप सिर्फ एक यूनिट एयर प्यूरिफायर खरीदना चाहते हैं तो इसे अपने बेडरूम में रख सकते हैं और जब इसका फर्क आपको महसूसस होने लगे तो पूरे घर के लिए ज्यादा यूनिट का प्यूरिफायर खरीद सकते हैं। कमरे के साइज के आधार पर प्यूरिफायर हवा को साथ करने में 15 से 30 मिनट का समय लेता है। आप जब तक अपने कमरे में हों इसे ऑन रखें और जब जाएं तो बंद कर दें इससे आपकी बिजली का खर्च 20 से 50 वॉट ही आएगा। कुछ ऐसे पौधे होते हैं जो एयर प्यूरिफायर का काम करते हैं। अगर संभव हो और आप एयर प्यूरिफायर अभी नहीं खरीद सकते तो आप कुछ प्राकृतिक प्यूरिफायर्स खरीद सकते हैं। जो कुछ इस प्रकार हैं…
- तुलसी एक नेचुरल एयर प्यूरिफायर होता है क्योंकि ये पौधा 24 घंटों तक ऑक्सीजन छोड़ता है।तुलसी का पौधा कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड अपने अंदर सोख सकता है।
- सूरज की थोड़ी रोशनी में भी ऐलोवेरा बहुत अच्छे से पनप जाता है। यह पौधा बहुत अच्छा प्यूरिफायर माना जाता है और इसे औषधीय पौधा भी कहा जाता है।
- अगर आप पौधों की देखभाल के लिए समय निकाल लेते हैं तो आपको अपने घर के अंदर स्पाइडर प्लांट जरूर लगाना चाहिए। छोटे-छोटे सफेद फूलों और घनी पत्तियों वाले इस खूबसूरत पौधे से भी ऑक्सीजन निकलती है लेकिन अगर आपने इसकी देखरेख नहीं की तो ये पौधा तेजी से मुरझा सकता है।
- ऑफिस के बंद कमरे में अगर आपको शुद्ध हवा और प्रकृति के स्पर्श की जरूरत महसूसस होती है तो वहां आप रबर के प्लांट्स रख सकते हैं। इसे जीवित रहने के लिए थोड़ी सी धूप चाहिए होती है और फिर ये आपको फ्रेश हवा दे सकता है।
- नीम की पत्तियों में भी प्यूरीफायर होता है इन पत्तियों का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है।