Pet ki Garmi dur Karne ke Upay: आज के समय में हमारी दिनचर्या पूरी तरीके से पटरी से उतर चुकी है। खान-पान भी ठीक तरीके से नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि पेट की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। घर में बड़ी आसानी से आप आयुर्वेदिक चूर्ण तैयार कर सकते हैं, जिससे कि पेट की गर्मी एकदम दूर हो जाती है।
पेट में गर्मी होने पर दिखने वाले लक्षण Pet ki Garmi ke Lakshan)
पेट की किसी भी तरह की समस्या के यदि आप शिकार हो गए हैं तो कुछ तरह के लक्षण यदि आपको खुद में दिखने लगें तो आपको समझ जाना चाहिए कि पेट की गर्मी की समस्या से आप परेशान हो रहे हैं। पेट में यदि गर्मी बढ़ने लगे तो पेट फूलने लगता है। सीने में जलन का अनुभव होना शुरू हो जाता है। पेट में मरोड़े उठने लगते हैं। पेट में जलन की समस्या हो जाती है। गैस का बनना पेट में शुरू हो जाता है। पेट दर्द होने लगता है। मुंह में छाले पड़ने लगते हैं। साथ ही पेट की गर्मी बढ़ जाए तो खट्टी डकार भी आनी शुरू हो जाती हैं।
पेट में एसिड अधिक बनने लगे तो
पेट में एसिड की यदि अधिकता हो जाए तो यह पेट में गर्मी बढ़ने की सबसे प्रमुख वजह माना जाता है। भोजन जब भी आप करते हैं तो इसे ठीक तरीके से पचाने के लिए पेट में एसिड बनता है। कभी-कभी जब आपका खान-पान सही नहीं रहता। दिनचर्या आपकी बिगड़ जाती है या तनाव आप अधिक ले लेते हैं, तो पेट में एसिड अधिक बनने लगता है। ऐसे में भोजन का पाचन ठीक से नहीं हो पाता है और कई तरह की समस्याओं का कारण यह बन जाता है। पेट में यदि एसिड अधिक हो जाए तो पेट में गर्मी की इसे मुख्य वजह कह सकते हैं।
पेट में गर्मी बढ़ने की वजहें
पेट में गर्मी बढ़ने या फिर एसिडिटी की कई वजहें हो सकती हैं। यदि मसालेदार भोजन का सेवन आप अधिक मात्रा में कर रहे हैं तो इसके कारण पेट में गर्मी बढ़ती है। उसी तरीके से जंक फ़ूड या बासी भोजन का सेवन करना भी पेट में गर्मी को जन्म देता है। लंबे समय तक यदि आप खाली पेट रह गए हैं तो इसके कारण भी पेट में गर्मी बढ़ने लगती है। धूम्रपान और शराब का सेवन अधिक मात्रा में करने से भी पेट में गर्मी बढ़ती है। मानसिक तनाव पालना और आवश्यकता से अधिक भोजन करना भी पेट में गर्मी को बढ़ाने वाला माना जाता है। यदि लिवर आपका कमजोर पड़ गया है या दर्द निवारक दवाओं का सेवन यदि आप अत्यधिक मात्रा में कर रहे हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से भी पेट में गर्मी बढ़ती है। रात्रि के भोजन के तुरंत बाद सो जाना एक अच्छी आदत नहीं है। यह भी पेट में गर्मी को बढ़ावा देता है। इन सबके अतिरिक्त पेट में गर्मी बढ़ने की एक वजह है अनिद्रा। आपकी नींद पूरी नहीं हो पा रही है तो ऐसे में पेट की गर्मी बढ़ जाती है।
पेट की गर्मी दूर करने के लिए आयुर्वेदिक चूर्ण (Pet ki Garmi ka Ilaj)
इसके लिए आप पंसारी की दुकान से 100-100 ग्राम ब्रह्मबूटी, खसखस सफेद, सौंफ, तुलसी बीज, धागे वाली मिश्री, त्रिफला, शंखपुष्पी, आंवला चूर्ण, बादाम गिरी, मुलेठी का चूर्ण, 50-50 ग्राम छोटी इलायची और जीरा और 5-5 ग्राम पुदीना सत और नींबू सैट खरीद लीजिए। सभी को ठीक से मिलाकर चूर्ण बना लीजिए और 3 से 5 ग्राम की मात्रा में जल के साथ या छाछ के साथ इसका सेवन कीजिए। इससे पेट की गर्मी तो दूर हो ही जाएगी, साथ में दिमाग भी आपका ठंडा रहेगा। बच्चे से लेकर बूढ़े तक इसके सेवन कर सकते हैं। बच्चों को केवल 2 ग्राम ही इस चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
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