लीची….जिसे देखते ही आने लगता है मुंह में पानी और ललचाने लगता है मन इसे खाने के लिए। गर्मियों में लाल-लाल लीचियों से बढ़कर भला और क्या। लेकिन यही लाल-लाल लीचियां अब लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। इस बार इस लीची ने ऐसा कहर बरपाया है कि कई मासूम काल के गाल में समां चुके हैं। दरअसल, कहा जा रहा है कि लीची खाने से एक रहस्यमयी बीमारी मासूमों को अपनी चपेट में ले रही है जिसे चमकी बुखार का नाम दिया गया है। और खास बात ये है कि ये चमकी बुखार कोई इसी साल नहीं बल्कि दो दशकों से मासूमों को अपना शिकार बना रहा है। लेकिन आखिरकार ये चमकी बुखार है क्या…? क्यों होता है ये…क्या लक्षण है इसके और आखिरकार इस बुखार के होने के बाद कैसे बचा जा सकता है?
चमकी बुखार क्या होता है? (What is Chamki Fever)
चमकी बुखार एक एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस ) है। जिसे आम भाषा में दिमागी बुखार भी कहा जा सकता है। चमकी बुखार के शिकार ज्यादातर 1 से 15 साल तक के बच्चे ही होते हैं जिनके खून में शुगर और सोडियम की कमी हो जाती है और जब ऐसा होने पर सही समय तक उन्हे उपचार नहीं मिले तो बच्चों की मौत भी हो सकती है। चमकी बुखार सीधे शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। और बेहद ज्यादा गर्मी और नमी होने पर ये और भी तेज़ी से फैलता है। कहते हैं चमकी बुखार के वायरस शरीर में पहुंचने के बाद खून में जाकर प्रजनन करते हैं और तेज़ी से बढ़ते हैं। खून के साथ ही ये वायरस मस्तिष्क में जाकर कोशिकाओं में सूजन लाते हैं जिससे नर्वस सिस्टम सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।
क्या होता है एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम? (What is Acute Encephalitis Syndrome)
हमारा पूरा शरीर मस्तिष्क से ही कंट्रोल होता है और हमारे मस्तिष्क में लाखों कोशिकाएं और तंत्रिकाएं ऐसी होती हैं जिनके सहारे ही शरीर के अंग काम करते हैं। जब इन कोशिकाओं में सूजन या किसी तरह की कोई और दिक्कत आ जाती है तो इसे ही एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम कहते हैं।
चमकी बुखार के लक्षण
1.इस बीमारी की शुरुआत तेज़ बुखार से होती है।
2.बुखार के बाद बच्चों के शरीर में ऐंठन हो जाती है।
3.नर्वस सिस्टम काम करना लगभग बंद ही कर देता है।
4.पीड़ित का ब्लड शुगर लो हो जाता है।
5.तेज़ बुखार में बच्चे बेहोश हो जाते हैं और कई बार उन्हें दौरे भी पड़ने लगते हैं।
6.बुखार के दौरान घबराहट भी होती है जिससे पीड़ित कोमा में भी चला जाता है।
चमकी बुखार होने पर क्या करें
- अगर इस मौसम में बच्चे को बुखार हो तो सबसे पहले सावधान हो जाएं और पूरी कोशिश करें कि बच्चा धूप में ना जाएं।
- तेज़ बुखार होने पर ठंडे पानी की पट्टी से पूरे शरीर को पोंछे और माथे पर रखें।
- पीड़ित को लगातार ORS का घोल या फिर तरल पदार्थ जैसे पानी, शिकंजी जरूर देते रहे ताकि डीहाईड्रेशन ना हो।
- किसी भी तरह की दवा बिना डॉक्टर की सलाह के ना दें। जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं।
संक्रामक बीमारी है चमकी बुखार
सबसे खास और ध्यान देने वाली बात ये है कि चमकी बुखार एक संक्रामक बीमारी है लिहाज़ा ये आसानी से फैलकर भयंकर रूप धारण कर लेती है। ऐसे में ज़रूरी है कि अगर किसी बच्चे में चमकी बुखार के लक्षण नज़र आए तो दूसरे बच्चों को उनके संपर्क में आने से रोक देना चाहिए। वही इस बीमारी की चपेट में वो बच्चे सबसे ज्यादा और सबसे पहले आते हैं जो गरीब परिवारों से हैं और पहले से ही कुपोषण का शिकार हैं।