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नर्स दिवस: जानें क्या है इसका इतिहास और कैसे शुरु हुई ये परंपरा?

International Nurses Day: दुनिया भर में 12 मई को नर्स दिवस के रुप में मनाया जाता है, जिसके पीछे का इतिहास बेहद रोचक है। जी हां, 12 मई को फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल के जन्मदिन को ‘इंटरनेशनल नर्स दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। हर बार की तरह इस बार भी इस दिन के लिए एक विशेष थीम तैयार किया गया है। दरअसल, इस साल यानि 2020 नर्स दिवस की थीम ‘विश्व स्वास्थ्य के लिए नर्सिंग’ है, जो जनता के मन में उनके लिए सम्मान भरने के लिए काफी है।

क्या है अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का इतिहास? International Nurses Day

Jagran

आज जब सोशल मीडिया पर नर्स दिवस ट्रेंड कर रहा है, तो ऐसे में आपको ये पता होना चाहिए कि आखिर नर्स दिवस का इतिहास क्या है? दरअसल, ‘नर्स दिवस’ को मनाने का प्रस्ताव पहली बार अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी ‘डोरोथी सदरलैंड’ ने दिया था, जिसके बाद इसे अनुमति दे दी गई। साल 1953 में पहली बार नर्स दिवस सेलिब्रेट किया गया था। इतना ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद ने इस दिवस को पहली बार वर्ष 1965 में मनाया, जिसके बाद से ही इसकी शुरुआत हो गई।

बताया जाता है कि नर्सिंग पेशेवर की शुरूआत करने वाली प्रख्यात ‘फ्लोरेंस नाइटइंगेल’ के जन्म दिन 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने का फैसला साल 1974 में लिया गया था और तब से लेकर आज तक हर साल इस दिन को नर्स दिवस के रुप में मनाया जाता है।

हर साल दिया जाता है पुरस्कार

प्रत्येक साल 12 मई को राष्‍ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार दिया जाता है, जिसकी शुरुआत 1973 में हुई थी। बता दें कि इसकी पहल भारत सरकार के परिवार एवं कल्‍याण मंत्रालय ने की थी। दरअसल, पुरस्कार से नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्‍यता प्रदान किया जाता है, ताकि वे इसी लगन के साथ काम करती रहें। आकड़ों की बात करें, तो अब तक कुल 250 के करीब नर्सों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इतना ही नहीं, ये पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है, जिसमें 50 हजार रुपए नकद, प्रमाण पत्र और मेडल शामिल है।

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क्यों हैं नर्स दिवस का महत्व?

बताते चलें कि नर्सिंग को पूरी दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य पेशे के रूप में माना जाता है। दरअसल, नर्स न सिर्फ मरीजों की देखभाल शारीरिक रुप से करती हैं, बल्कि उन्हें मानसिक रुप से सपोर्ट करती हैं, ऐसे में उन्हें अच्छी तरह से प्रशिक्षित, शिक्षित और अनुभवी होना चाहिए। इतना ही नहीं, जब एक डॉक्टर अपने दूसरे मरीज को देखने में बिजी हो जाता है, तब वे नर्स ही होती हैं, जो 24 घंटे में अपने मरीज की देखभाल करती रहती हैं। कहा जाता है कि अस्पताल में नर्स न सिर्फ आपकी देखभाल करती हैं, बल्कि बीमारियों से लड़ने के लिए भी आपकी मदद करती हैं और समय समय पर आपका मनोबल भी बढ़ाती हैं। और आज जब पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है, तो इन नर्सों की भूमिका को भूलाए नहीं भूला जा सकता है।

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