विदेश में जाकर पढ़ाई करने का सपना तो अधिकतर लोगों का होता है। जो लोग बाहर जाकर किसी भी अच्छे संस्थान से पढ़ाई करते हैं उनके लिए वापस अपने देश में आकर जॉब के काफी अच्छे मौके होते हैं। यही वजह है कि लोग अपने देश के बाहर जाकर पढ़ाई करना प्रिफर करते हैं। जहां कुछ लोग पढ़ाई करके अपने देश वापस लौट आते हैं वहीं कुछ लोग जिस देश में पढ़ाई करते हैं वहीं पर बस जाते हैं, लेकिन इन सबके बीच जो दिक्कत आती है वो होती है वर्क वीजा मिलने की।
पढ़ाई के लिए बाहर जाना तो अच्छा विकल्प है लेकिन उसके बाद आपको वहां पर अच्छी नौकरी और वर्क वीजा मिल जाए तो कहना ही क्या है। हालांकि, इस पूरे प्रोसेस में थोड़ा समय तो जरूर लगता है लेकिन कुछ लोगों को वहां का वर्क वीजा भी मिल जाता है तो वहीं कुछ लोगों को निराशा हाथ लगती है और वो बाहर रहने का सपना छोड़कर वापस लौट आते है। लेकिन तब क्या हो कि जब आप किसी देश में पढ़ाई करने जायें और वहां की सरकार ही आपको वर्क वीजा ऑफर कर रही हो। है ना ये अच्छी खबर।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा देश कौन सा है, तो आपको अपना दिमाग ज्यादा लगाने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसे ही देश के बारे में बताएंगे जहां पर वहां की सरकार अपने देश में आकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को वर्क वीजा भी दे रही है।
इस देश में पढ़ाई करने पर मिलेगा वर्क वीजा
जी हां, हम बात कर रहे हैं ब्रिटेन की। जो लोग ब्रिटेन में जाकर पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए एक अच्छी खबर है। या फिर जो लोग बाहर जाकर पढ़ाई करना और काम करना चाहते हैं उनके लिए ब्रिटेन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। दरअसल, ब्रिटेन सरकार ने अपने देश में आकर पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्रों के लिए एक बेहतर तोहफा दिया है। ब्रिटेन सरकार ने छात्रों को पढ़ाई के बाद उनका वर्क वीजा दो साल तक बढ़ाने की योजना की शुरूआत करने की घोषणा की है।
ब्रिटेन की सरकार की तरफ से विदेशी छात्रों को दिया गया ये तोहफा उन प्रतिभाशाली विधार्थियों के लिए काफी लाभकारी है जो पढ़ाई के बाद नौकरी के लिए बेहतरीन विकल्प की तलाश में हैं। उन्हें पढ़ाई करने के बाद ब्रिटेन में ही बेहतरीन अवसरों को पाने का मौका मिल सकेगा। बता दें कि ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में स्नातक के लिए यह 2020-21 में लॉन्च होगा।
बता दें कि ये पहली बार नहीं हैं जब ब्रिटेन सरकार ने इस तरह के किसी नियम की घोषणा की है। इसके पहले भी पढ़ाई के बाद तुरंत ही वर्क वीजा मिलने का प्रावधान था, लेकिन साल 2012 में तत्कालीन गृह सचिव थेरेसा मे ने इसे रद्द कर दिया था। लेकिन ब्रिटेन सरकार द्वारा दोबारा से इस नियम को पारित करने के बाद ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद ब्रिटेन जाकर पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या में काफी वृद्धि होगी।
बता दें कि ब्रिटेन सरकार द्वारा निकाली गई ये नई ग्रेजुएट स्कीम सभी विदेशी छात्रों के लिए होगी, जिसमें भारत देश के छात्र भी शामिल हैं। यह स्कीम उन सभी लोगों के लिए पारित की जाएगी जिन्होंने ब्रिटेन में रहकर बतौर छात्र ग्रेजुएशन या फिर पोस्ट ग्रेजुएशन या फिर अन्य कोई डिग्री हासिल की है। पढ़ाई के तुरंत बाद दो साल का वर्क वीजा मिलने के बाद छात्रों के पास अपनी पढ़ाई पूरी करके दो साल तक अपने पसंदीदा क्षेत्र में काम करने की अनुमति होगी।
गृह सचिव प्रीति पटेल ने एक बयान में कहा, “नए ग्रेजुएट रूट का मतलब प्रतिभाशाली अंतर्राष्ट्रीय छात्रों से होगा. चाहे वे विज्ञान के छात्र हों या गणित, प्रौद्योगिकी अथवा इंजीनियरिंग के छात्र हों। ऐसे छात्र ब्रिटेन में अध्ययन करने के बाद मूल्यवान कार्य अनुभव हासिल कर कामयाबी पा सकते हैं।” इसके अलावा भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त डॉमिनिक अक्विथ ने कहा, “भारतीय छात्रों के लिए यह शानदार खबर है, जो अब अपनी डिग्री पूरी करने के बाद अधिक समय ब्रिटेन में बिता पाएंगे। इससे उन्हें पढ़ाई के बाद आगे के कौशल और अनुभव प्राप्त हो सकेंगे। ”
बता दें कि ब्रिटेन जाकर पढ़ाई करने वाले भारतीय मूल के छात्रों की संख्या साल 2019 के जून आखिर तक लगभग 22 हजार तक पहुंच गई है। इसकी तुलना अगर पिछले यानि कि बीते साल 2018 से की जाए तो इसमें तकरीबन 42 फीसदी वृद्धि हुई है। वहीं बात करें पुराने तीन सालों की तो उसकी तुलना छात्रों की संख्या में यह वृद्धि तकरीबन 100 फीसदी से भी ज्यादा मानी जा रही है। बता दें कि अब इस फैसले के बाद से छात्रों को ब्रिटेन को पढ़ाई के लिए विकल्प चुनने और वहां जाकर पढ़ाई करने में छात्रों की संख्या में और ज्यादा वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है।