पॉजिटिव स्टोरी

महज 80 रूपये लेकर सात लड़कियों ने की थी लिज्जत पापड़ बनाने की शुरुआत, आज करोड़ों का है टर्न ओवर !

Lijjat Papad Owner Story: जब भी पापड़ का जिक्र आता है तो अमूमन भारतीयों की ज़ुबान पर लिज्जत पापड़ (Lijjat Papad) का टेस्ट आ जाता है। भारत में विभिन्न राज्यों में पापड़ मतलब लिज्जत ही समझा जाता है। लेकिन क्या अपने कभी सोचा है कि, आखिर इतने स्वादिष्ट पापड़ को बनाने वाले कौन हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको खासतौर से लिज्जत पापड़ (Lijjat Papad) के इतिहास और वर्तमान दोनों से रूबरू करवाने जा रहे हैं। यह एक मात्र ऐसा पापड़ है जिसे आप सालों से खाते आ रहे होंगें लेकिन कभी इसके स्वाद में कोई बदलाव नहीं पाया होगा। स्कूपव्हूप की एक रिपोर्ट के अनुसार लिज्जत पापड़ (Lijjat Papad) को बनाने की शुरुआत करने का काम आज से सालों पहले सात लड़कियों ने मिलकर किया था। आइये आपको बताते हैं आखिर कैसे महज 80 रूपये में की थी पापड़ बनाने की शुरुआत।

ऐसे हुई थी लिज्जत पापड़ बनाने की शुरुआत (Lijjat Papad Owner Story)

Image Source: Yourstory.com

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, लिज्जत पापड़ (Lijjat Papad) बनाने की शुरुआत साल 1959 में सात लड़कियों ने मिलकर की थी। मिली जानकारी के अनुसार सातों लड़कियां पक्की सहेलियां थी और उन्हें अपने दम पर जिंदगी में कुछ कर दिखाना चाहती थीं । जब उन सातों ने पापड़ बनाने की शुरुआत की थी तब उन्होनें सपने में भी नहीं सोचा होगा कि, आगे जाकर उनके पापड़ का स्वाद पूरे हिन्दुस्तान के जुबां पर होगा। इस मशहूर पापड़ को बनाने की शुरुआत पार्वतीबेन रामदास ठोदानी ने अपनी छह सहेलियों बानुबेन तन्ना, लागुबेन अमृतलाल गोकानी, ऊजामबेन नारानदास कुण्डलिया और जयाबेन विठलानी के साथ मिलकर की थी। इन सातों में से एक लड़की पापड़ को बेचने का काम करती थी और बाकी इसे बनाने में मेहनत करती थीं। हालाँकिउन्होनें पापड़ बनाने की शुरुआत किसी बिजनेस के मकसद से नहीं की थी। बता दें कि, उन्हें केवल अपना घर चलाने के लिए पैसों की जरुरत हुई तो उन्होनें पापड़ बनाने की शुरुआत की।

80 रूपये उधार लेकर की थी पापड़ बनाने की शुरुआत (Inspirational Story about Women Behind Lijjat Papad)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इन सातों लड़कियों ने पापड़ बनाने की ठान तो ली लेकिन इनके पास पापड़ बनाने के लिए लगने वाले सामान खरीदने के पैसे नहीं थे। लेकिन उनकी इस समस्या का समाधान भी जल्द हो गया। उस दौरान सर्वेंट ऑफ़ इंडिया सोसाइटी के अध्यक्ष छगनलाल से 80 रूपये लेकर सातों सहेलियों ने पापड़ बनाने की शुरुआत की। बता दें कि, उधार लिए 80 रूपये से सातों सहेलियों ने पापड़ बनाने की एक मशीन खरीदी और सबसे पहले केवल चार पैकेट पापड़ एक व्यापारी को बेचने के लिए दिए। केवल चार पैकेट पापड़ चुटकियों में बिक गया और इसके बाद व्यापारी उन लड़कियों से और भी पापड़ बनाकर देने की मांग करने लगा। बस फिर क्या था इसके बाद तो जैसे पूरे देश ने लिज्जत पापड़ (Lijjat Papad) ही खाना शुरू कर दिया हो। पापड़ की बढ़ती मांग को देखते हुए छगनलाल ने उन सभी लड़कियों को मार्केटिंग और ब्रांडिंग के बारे में जानकारी दी। उनकी मदद से देश के हर राज्य में लोग लिज्जत पापड़ को खाने में उपयोग करने लगे। इस तरह से साल 1962 में इस पापड़ कंपनी का नाम “श्री महिला गृह उधोग लिज्जत पापड़” रखा गया। जानकारी हो कि, 80 रूपये से शुरू हुए इस पापड़ कंपनी ने साल 2002 में दस करोड़ रुपयों का टर्न ओवर किया था। इसके अलावा आज वर्तमान में लिज्जत पापड़ के देशभर में पचास से भी ज्यादा ब्रांच हैं जहाँ 40 हज़ार से भी महिलाएं काम करती हैं। आज लिज्जत पापड़ का सलाना टर्न ओवर लगभग 1600 करोड़ का है।

Facebook Comments
Indira Jha

Share
Published by
Indira Jha

Recent Posts

महाभारत काल से जुड़ा हुआ है कुरुक्षेत्र के माँ भद्रकाली पीठ, जानिए इसके इतिहास के बारे में

Famous Shakti Peeth in Haryana: इस समय पूरे देश भर मे चैत्र नवरात्रि के त्यौहार…

5 days ago

अब आसान तरीके के साथ घर में बनाइये टेस्टी स्ट्रॉबेरी क्रश, सेहत के लिए है रामबाण

Strawberry Crush Recipe In Hindi: स्ट्रॉबेरी एक ऐसा फल है जिसे हर एक आयु वर्ग…

5 days ago

सोने के पहले तकिये के नीचे रखिए मोर पंख, चुटकियों में बदल जाएगी आपकी किस्मत

Takiye Ke Niche Mor Pankh Rakhne Ke Fayde: ज्योतिष शास्त्र में जीवन के हर एक…

5 days ago