Chanakya Neeti: आचार्य चाणक्य ने जीवन से संबंधित हर पहलु तथा नीतियों का बहुत ही बेहतर तरीके से उल्लेख किया है। चाणक्य की नीतियां प्राचीन समय में जितनी कारगर थी उतनी ही आज भी हैं, जिन पर अमल करके व्यक्ति खुशहाल जीवन यापन कर सकता है। यह एक सामन्य सी बात है कि हर व्यक्ति के जीवन में सफलता असफलता का दौर चलता रहता है लेकिन अगर आप आचार्य चाणक्य द्वारा बताये गये मंत्र तथा नीति का पालन करने या स्वयं में इन गुणों को पैदा करने से व्यक्ति अपनी असफलता को सफलता में बदल सकता है।
आचार्य चाणक्य ने अपनी बेहद ही लोकप्रिय पुस्तक “चाणक्य नीति” में बहुत सी ऐसी ऐसी बातें बताई हैं, जिनका अगर सही से नियम पूर्वक पालन किया जाए तो कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी असफलता का मुंह नहीं देखेगा। ऐसे ही कई कार्य इस तरह के भी बताए गए हैं जिन्हें करने में इंसान हिचकिचाता है लेकिन चाहे स्त्री हो या फिर पुरुष, जीवन मे आगे बढ़ने के लिए कुछ कार्यों को बेरोक टोक और बेशर्मी से कर लेना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसी ही नीतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे व्यक्ति को बेशर्म होकर कर लेना चाहिए क्योंकि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो संभव है कि इसका भुगतान उसे जीवन भर करते रहना होगा। तो चलिए जानते है कौन सी हैं वो चाणक्य नीतियां।
ये 3 कार्य करते हुए कभी नहीं करनी चाहिए शर्म
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उधार मांगते समय
बताना चाहेंगे कि उधार किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक बहुत बड़े ग्रहण की तरह होता है, क्योंकि एक बार उधार लेने के बाद यदि आप उसे चुकाने में सक्षम नहीं होते हैं तो यह आपके लिए बड़ी समस्या बन जाता है। लेकिन जैसा कि चाणक्य नीति में बताया गया है, यदि आपको धन की बेहद आवश्यकता हो तो ऐसी स्थिति में आप किसी से उधार मांगने में बिल्कुल भी शर्म नही करें। मगर यहां पर इसके साथ आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि जिस तरह से आप अपनी जरूरत के वक़्त उधार मांगते हैं उसी तरह आपका बुरा वक्त खत्म होते ही समय से पैसा लौटा भी देना चाहिए। बता दें कि जीवन में बहुत सी परेशानियां आती रहती हैं और आमतौर पर ज्यादातर समस्याओं का हल धन ही होता है। इसलिए यह भी बताया गया है कि यदि आप व्यापार आदि करते हैं तो आपको कभी भी धन मांगने में शर्म नहीं करनी चाहिए, अन्यथा आप आने जीवन में तरक्की नहीं कर पाते है।
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शिक्षा प्राप्त करते वक़्त
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस व्यक्ति ने अपने जीवन में शिक्षा प्राप्त करने में शर्म या लिहाज दिखाया वह हमेशा पीछे ही रहता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने में कभी भी किसी से शर्म नहीं करनी चाहिए। कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि छात्र या छात्रा झिझक या शर्म की वजह से कोई बात ना समझ मे आते हुए भी नहीं पूछते क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने से उनकी बेज्जती हो जाएगी। बताना चाहेंगे कि जो इंसान शिक्षा प्राप्त करने में शर्माता है, वह अपने जीवन में कभी कोई अच्छी जगह प्राप्त नहीं कर पाता है। इसलिए चाणक्य ने कहा है कि ज्ञान प्राप्त करने में कभी नहीं शर्माना चाहिए और तत्काल कुछ भी ना समझ आने पर पूछ लेना चाहिए।
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भोजन करते वक़्त
नीति शास्त्र के महान ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ज्ञान में यह भी बताया है कि जो इंसान भोजन करते समय लिहाज करता है या शर्म करता है, वो अपने सम्पूर्ण जीवन काल में कुछ बड़ा नहीं हासिल कर पाता। ऐसा बताया जाता है कि इस तरह का व्यवहार रखने वाला इंसान अपने जीवन में ज्यादातर दुख और संकट से घिरा रहता है। कहा जाता है कि जो इंसान खुद के भोजन के लिए इतना झिझकता है, वो व्यक्ति अपने साथ जुड़े अन्य लोगों के लिए भला क्या कर पायेगा। इसलिए कभी भी खाना खाते वक्त कभी भी शर्म नही करना चाहिए
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