Iskcon Temple History In Hindi: अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ या इस्कॉन के मंदिर देश और विदेशों के विभिन्न हिस्सों पर स्थित हैं। इस मंदिर को एक विशेष अंग्रेजी नाम इस्कॉन के नाम भी जाना जाता है। इस्कॉन का मतलब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कांशसनेस है। इस्कॉन को हरे कृष्ण आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है। इस आध्यात्मिक संस्थान की स्थापना श्री कृष्ण कृपा श्री मूर्ति श्री भयचरणारविन्द भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी ने 1966 में अमेरिका के शहर न्यूयार्क में की थी। इस्कॉन के जो सिद्धांत है वो श्रीमद भागवत गीता के ऊपर आधारित हैं।
न्यूयार्क से शुरू हुई श्री कृष्ण भक्ति की धारा शीघ्र ही विश्व के हर एक कोने में बहने लगी। विश्व के कई देश महज कुछ ही सालों के अंदर ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ के बोल से गूंजने लगे। अपने साधारण नियम और सभी जाति धर्म के प्रति समभाव सद्भाव के चलते इसके अनुयाइयों की संख्या लगातार बढ़ती चली जा रही है। हर वह व्यक्ति जो भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होना चाहता है यह मंदिर संस्थान उसका खुला स्वागत करता है।
अब हो चुके हैं सैकड़ों इस्कॉन मंदिर के निर्माण(Iskcon Temple History In Hindi)
स्वामी प्रभुपाद जी अथक प्रयासों के बाद दस वर्ष के बाद समूचे विश्व के अंदर 107 से अधिक मंदिरों का निर्माण हो चुका था। इस समय इस्कॉन समूह के 850 से अधिक मंदिरों का निर्माण कराया जा चुका है।
दिल्ली स्थित इस्कॉन मंदिर का इतिहास(Delhi Iskcon Temple History In Hindi)
इस्कॉन के संस्थापक रहे स्वामी प्रभुपाद जी भारत में भगवान श्री कृष्ण जी के मंदिर का निर्माण कराना चाहते थे। इसी लिए दिल्ली में जो इस्कॉन का मंदिर बनाया गया उसका असली नाम श्री राधा पार्थ सारथी मंदिर है और इसकी स्थापना साल 1995 में की गयी थी ताकि भगवान और भक्तों को सीधा जोड़ा जा सके। यह मंदिर नई दिल्ली के दक्षिण में स्थित है। इस्कॉन परिसर के अंदर भगवान श्री कृष्ण के अलावा भी तीन अन्य मंदिर हैं और वो करीब 90 फ़ीट उंचें हैं। वो तीनों मंदिर, राधा -कृष्ण, राम-सीता और गौरा-निताई के मंदिर हैं। मंदिर के बाहरी हिस्से को बड़ी ही सुंदरता के साथ गढ़ा गया है और इसके अंदर भगवान श्री कृष्ण की जीवन लीला को बड़ी ही बारीकी के साथ समझाया गया है। इस मंदिर के परिक्रमा परिसर में दुनिया भर में स्थित इस्कॉन मंदिर के चित्रों को लगाया गया है।
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दिल्ली के अतिरिक्त देश के विभिन्न हिस्सों कोलकाता, असम, वृन्दावन, बैंगलोर और इंदौर में भी स्थित है।