Top 6 Shree Krishna Temples In India: भारत में जन्माष्टमी का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। पौराणिक कथाओं में देशभर में की गई भगवान श्रीकृष्ण(Krishna) की बहुत सी लीलाओं का वर्णन किया गया है।
आइये जानें कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में जो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के लिए प्रसिद्ध हैं।(Top 6 Shree Krishna Temples In India)
1. मथुरा, उत्तर प्रदेश(Mathura, Uttar Pradesh)
मथुरा भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण(krishna leela) का जन्म मथुरा की एक जेल में हुआ था जहां उनके मामा कंस ने एक आकाशवाणी के बाद उनकी माता देवकी और पिता वासुदेव को कैद कर दिया था।
2. गोकुल, उत्तर प्रदेश(Gokul, Uttar Pradesh)
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के तुरंत बाद कंस के प्रकोप से बचाने के लिए वासुदेव उन्हें गोकुल गांव के नंद के घर छोड़ आए थे जहां उनकी पत्नी यशोदा ने एक बच्ची को जन्म दिया था।
3. वृंदावन, उत्तर प्रदेश(Vrindavan, Uttar Pradesh)
भगवान श्रीकृष्ण का बचपन अपने सखाओं संग खेलते हुए वृंदावन की गलियों में गुज़रा। गोवर्धन पर्वत जिसे श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली से उठाया था, यहीं वृंदावन के पास ही स्थित है।
4. कुरुक्षेत्र, हरियाणा(Kurukshetra, Haryana)
कुरुक्षेत्र वह स्थल है जहां पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध हुआ था। यहाँ श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन के मूलभूत सिद्धांतों की शिक्षा देने के साथ ही अपना विराट रूप दिखाया था।
5.द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात(Dwarkadhish, Gujarat)
द्वारका श्रीकृष्ण की नागरी है जिसे उन्होने अपने मामा कंस का वध करने के बाद बसाया था।
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6. सोमनाथ, गुजरात(Shree Somnath Jyotirling Temple, Gujarat)
सोमनाथ के पास स्थित भालका तीर्थ में भगवान श्रीकृष्ण को एक शिकारी का तीर लग गया था, जिसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिये थे।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 तिथि और मुहूर्त(Shree Krishna Janmashtami Kab Hai 2022)
ज्योतिषविदों का कहना है कि इस साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 9 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. इसी बीच कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार गुरुवार, 18 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के भक्त उपवास रखते हैं और मंदिर में जाकर उनकी पूजा करते हैं।