माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने की विधि और भोग(Maa Brahmacharini Puja Vidhi)
Maa Brahmacharini Mantra In Hindi: नवदुर्गा के रूप में दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी को पूजा जाता हैं। इनकी पूजा करने से ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है। माँ ब्रह्मचारिणी की कथा करने से जीवन की अनेक समस्याओं एवं परेशानियों का नाश होता है। इस माता पर चीनी का भोग लगाया जाता हैं और आप किसी गरीब को भी चीनी दान में दे सकते हैं। इनकी उपासना करने से मनुष्य में तप, त्याग आदि की वर्द्धि होती हैं।
माँ ब्रह्मचारिणी की कथा(Maa Brahmacharini Katha In Hindi)
इस देवी ने पूर्वजन्म में हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था। भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए इन्होने कई सालो तक घोर तपस्या की थी। 1000 वर्ष तक इन्होने सिर्फ फल फूल खा कर ही जीवन जिया हैं। कठिन तपस्या के कारण देवी का शरीर बिलकुल क्षीण हो गया था। देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने ब्रह्मचारिणी की तपस्या को अभूतपूर्व बताया, सराहना की और कहा, हे देवी आज तक किसी ने इस तरह की कठोर तपस्या नहीं की। मां की कथा का सार यह है, कि जीवन के कठिन संघर्षों में भी मन विचलित नहीं होना चाहिए। मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सर्व सिद्धि प्राप्त होती है।
माँ ब्रह्मचारिणी उपसना का मंत्र (Maa Brahmacharini Mantra In Hindi)
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
ये ब्रह्मचारिणी की कथा जरूर करे अगर आप सिद्धि प्राप्त करना चाहते है।
हिंदी उच्चारण:
ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप का आचरण करने वाली देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है मां के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं।
माँ ब्रह्मचारिणी आरती
जय अंबे ब्रह्मचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥
ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥
ब्रह्म मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सरल संसारा॥
जय गायत्री वेद की माता। जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥
कमी कोई रहने ना पाए। उसकी विरति रहे ठिकाने॥
जो तेरी महिमा को जाने। रद्रक्षा की माला ले कर॥
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर। आलस छोड़ करे गुणगाना॥
माँ तुम उसको सुख पहुचाना। ब्रह्मचारिणी तेरो नाम॥
पूर्ण करो सब मेरे काम। भक्त तेरे चरणों का पुजारी॥
रखना लाज मेरी महतारी॥
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