Maa Chandraghanta Mantra In Hindi: वैसे तो माँ शक्ति के नौ स्वरुप है, और हर एक रुप की अपनी एक अलग कथा है। लेकिन जानिए की क्यों है, माता ये स्वरुप सबसे अद्भुत है और उनके पूजन की कैसे विधिवत कर के सफल बनाये।
जानिए क्यों देवी चंद्रघंटा के रूप में जाना जाता है, माँ का ये स्वरुप
नवरात्र में तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा होती है जो की स्वयं माँ शक्ति की शिवदूती रूप है। माँ चंद्रघंटा के मस्तक पर एक अर्धचंद्र के आकर में तिलक होता है जो की माँ के स्वरुप को और प्रकाशमान बनता है। पौराणिक कथाओ क अनुसार चंद्रघंटा देवी ने राक्षसों का वद्ध घंटे की टंकार से ही किया था। माँ का ये स्वरुप सचमुच बहुत ही अद्धभुत है और उनके दस हाथो में विभूषित खड्ग, बाण, अस्त्र-शस्त्र उनके रूप को और शोभित करते है।
माँ चंद्रघंटा देवी जी का मंत्र (Maa Chandraghanta Mantra In Hindi)
इस दिन चंद्रघंटा देवी के मंत्र का जाप करना चाहिए जो की इस प्रकार से है।
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता । प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता…।
नवरात्र में तीसरे दिन की पूजा की विधि(Maa Chandraghanta Puja Vidhi)
अगर माँ चंद्रघंटा की पूजा विधिपूर्वक अत्यंत लाभप्रद सिद्ध होती है। सबसे पहले माँ के पूजन से पहले उनका साज श्रृंगार करना चाहिए उसके बाद पुष्प, दुर्वा, अक्षत, गुलाब, लौंग कपूर मां की विधिविधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए। सबसे पहले मां का साज श्रृंगार करना चाहिए। इसके बाद जल, पुष्प, दुर्वा, अक्षत, गुलाब, जल, लौंग, कपूर से मां की पूजा और उनका मंत्र जाप करना चाहिए और सुबह शाम विधिपूर्वक आरती करनी चाहिए। नवरात्र के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा देवी को हलवे या फिर किसी मिठाई से भोग लगाना चाहिए।
देवी चंद्रघंटा की आरती (Maa Chandraghanta Aarti in Hindi)
जय माँ चन्द्रघंटा सुख धाम। पूर्ण कीजो मेरे काम॥
चन्द्र समाज तू शीतल दाती। चन्द्र तेज किरणों में समाती॥
क्रोध को शांत बनाने वाली। मीठे बोल सिखाने वाली॥
मन की मालक मन भाती हो। चंद्रघंटा तुम वर दाती हो॥
सुन्दर भाव को लाने वाली। हर संकट में बचाने वाली॥
हर बुधवार को तुझे ध्याये। श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए॥
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए। शीश झुका कहे मन की बाता॥
पूर्ण आस करो जगत दाता। कांचीपुर स्थान तुम्हारा॥
कर्नाटिका में मान तुम्हारा। नाम तेरा रटू महारानी॥
भक्त की रक्षा करो भवानी।
और पढ़े
- 2nd day of navratri:माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने की विधि और भोग
- 4th day of navratri:माँ कुष्मांडा की पूजा करने की विधि और भोग
- 5th day of navratri:माँ स्कंदमाता की पूजा करने की विधि और भोग
- 6th day of navratri:माँ कात्यायनी की पूजा करने की विधि और भोग
- 7th day of navratri:माँ कालरात्रि की पूजा करने की विधि और भोग
- 8th day of navratri:माँ महागौरी की पूजा करने की विधि और भोग
- 9th day of navratri:माता सिद्धिदात्री की पूजा करने की विधि और भोग