Santan Prapti Ke Upay: किसी भी शादीशुदा जोड़े के लिए संतान का सुख बहुत बड़ा होता है. हर व्यक्ति संतान की प्राप्ति चाहता है लेकिन कुछ ऐसी परिस्थिति बन जाती है जिसके कारण संतान सुख नहीं मिलता है. ऐसी बहुत सी दंपत्तियां हैं जो संतान की इच्छा रखते हैं लेकिन इस सुख से वंचित हैं. आपके हाथों में हस्तरेखा होती है जो बताती है कि आपको संतान सुख है या नहीं. हस्तरेखा विज्ञान में संतान सुख के लिए बुध पर्वत और इस पर पाई जाने वाली रेखाओं का अध्ययन किया जाता है. जीवन के सुख में संतान का सुख सबसे बड़ा होता है और हस्त रेखा विज्ञान के जरिए आप पता लगाएं कि आपको संतान सुख है या नहीं?
हस्त रेखा विज्ञान से संतान का योग है या नहीं कैसे जानें?(Santan Se Sukh Kaise Milta Hai)
- अगर आपके हाथ की कनिष्ठा उंगली में सबसे निचला पर्व बहुत छोटा हो और ऊपर का पर्व विभाजन रेखा अस्पष्ट हो तो ऐसे लोगों को संतान से जुड़ी समस्याएं आएंगी. उंगली का तीसरा पर्व भौतिक सुखों का जिम्मेदार होता है.
- अगर कनिष्ठा उंगली में तीसरे पर्व के नीचे विभाजन रेखा ना बनी हो या टूट गई हो या फिर ये बहुत छोटी हो तो ऐसे लोगों को संतान सुख नहीं मिल पाता है. अगर संतान सुख मिलना होता है तो शादी के कई सालों के बाद.
- अगर तीसरे पर्व के नीचे की विभाजन रेखा टूटी हो तो ऐसे लोगों को भी संतान से संबंधित परेशानियां होती हैं. ऐसे लोगों को भी संतान आसा नी से प्राप्तन नहीं होती है.
- अगर बुध पर्वत मंगल पर्वत की तरफ खिसका है तो ऐसे में भी संतान के होने में कई बाधाएं आती हैं.
- छोटी उंगली अगर बहुत टेढी़ हो या तीसरा पर्व गायब हो तो संतान से जुड़ी समस्याएं हो जाती हैं और इन योग के साथ बुध मंगल पर्वत की तरफ से खिसक जाए तो संतान नहीं होती है.
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