Kho Kho Game In Hindi: खो-खो भारत के लोकप्रिय खेलों में से एक है। भारत के हर स्कूल में खो-खो खासतौर से छात्रों को खिलाया जाता है। पहले समय में यह खेल महाराष्ट्र में रथ पर खेला जाता था, जिस कारण इसको ‘रथेडा’ के नाम से भी जाना जाता था। लेकिन आज इसे खो-खो के नाम से ही जाना जाता है। 29 मीटर लंबे और 16 मीटर चौड़े मैदान में खेला जाने वाला ये खेल दौड़ने और भागने वाला खेल हैं। जिसमें शारीरिक कसरत खूब हो जाती है। और इस खेल में फुर्ती की बहुत ज़रूरत होती है।
खो-खो खेलने का तरीका(Kho Kho Game In Hindi)
इस खेल के लिए मध्य रेखा के अंत में दो पोल गाड़े जाते है। जिनकी जमीन से ऊंचाई 1.20 मीटर होती है। दोनों पोल के बीच एक निश्चित गैप में खिलाड़ियों को बैठाया जाता है। इस खेल में एक खिलाड़ी को रनर कहा जाता है जिसे पकड़ने की कोशिश की जाती है। इसके विपरीत जो खिलाड़ी पोल के मध्य बैठे रहते हैं उन्हे चेजर कहा जाता है। वहीं रनर के पीछे भागने वाला खिलाड़ी एक्टिव चेजर कहलाता है। इसमें एक्टिव चेजर को बैठे हुए चेजर को पीछे से हाथ से छूकर ‘खो’ शब्द ऊँची आवाज में कहना होता है। लेकिन हाथ लगाने और ‘खो’ कहने का काम एक साथ होना चाहिए। चलिए अब आपको खो-खो के इस खेल के नियमों की जानकारी भी दे देते हैं।
खो खो खेल के नियम(Kho Kho Ke Niyam)
- एक्टिव चेजर के शरीर का कोई भी भाग केंद्र पट्टी को नहीं लगना चाहिए।
- एक्टिव चेजर अगर रनर को हाथ से छू लेता है तो वो रन आउट माना जाता है।
- चेजर या रनर बनने का फैसला Toss के ज़रिए किया जाता है।
- चेजर को एक्टिव चेजर पीछे से ही खो दे सकता है।
- जब तक बैठे हुए चेजर को खो नहीं दी जाती, वह अपनी जगह से नहीं उठ सकता।
- एक्टिव चेजर द्वारा खो देने पर ही वह चेजर के स्थान पर बैठ सकता है।
- एक्टिव चेजर का मुँह उसके दौड़ने की दिशा में होना चाहिए।
- खो मिलने के बाद चेजर उस दिशा में ही जाएगा जो दिशा उसने वर्ग से उठने के बाद केंद्र – पट्टी को पार करके अपनाई हो।
- चेजर अपने वर्ग में इस तरह बैठेगा कि रनर के मार्ग में कोई रुकावट ना आए। यदि उसकी रुकावट से रनर आउट हो जाता है तो उसे आउट नहीं माना जाता।
- एक्टिव चेजर के लिए पोल-लाइन को पार करना जरूरी है।
- सभी चेजर इस प्रकार बैठते हैं कि उनके मुंह एक तरफ नहीं होते।
- यदि बैठा हुआ चेजर अथवा एक्टिव चेजर किसी तरह का उल्लंघन करते हैं तो यह फाउल माना है।
- यदि एक्टिव चेजर एक विशेष दिशा की ओर जाते हुए अपने कंधे की रेखा 90 डिग्री के कोण से अधिक दिशा में मोड़ लेता है तो यह फाउल माना जाता है।
- यदि रनर के दोनों पाँव सीमा रेखा से बाहर छू जाए तो उसे आउट माना जाता है।
- जब सभी रनर 9 मिनट में आउट हो जाए तो chasers द्वारा runners के विरुद्ध लोना अंकित किया जाता है, लेकिन लोना का कोई अंक नहीं होता है।
- खो-खो के मैच में 2 अंपायर, 1 रेफ़री और एक टाइम कीपर होता है।
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