बॉर्डर पर हजारो सैनिक अपने परिवार से दूर तैनात रहते हैं। उनकी जिंदगी कब खत्म हो जाए ये बात वे खुद नहीं जानते और ना ही उन्हें ये पता होता है कि अब वे अपने घर कब जा पाएंगे। आजादी के बाद भारत ने ना जाने कितने वीर सरहद पर खोए और इन सबने अपने आखिरी प्राण तक दुश्मनों से लड़ाई की। बदले में हम उनके परिवार को क्या देते हैं दर-दर की ठोकर और बहुत से मामलों में सरकार भी कुछ नहीं करती है। ऐसे में मध्यप्रदेश का एक गांव शहीद के परिवार के लिए मिसाल बना है।
शहीद के परिवार को गांव वालों ने दिया तोहफा
27 साल पहले त्रिपुरा में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए मोहन सिंह की वीरता को देश का सलाम लेकिन इतने सालों से उनके परिवार को बस 700 रुपये भेजकर सरकार अपना फर्ज अदा कर देती है। अब शहीद की पत्नी राजू देवी और दो बच्चे 700 रुपये में गुजारा कैसे करें तो उन्हें मजदूरी करनी पड़ती है और झोपड़ी में रहना पड़ता है। सर्दी और बरसात में उन्हें बहुत परेशानी होती है लेकिन कोई उनकी मदद के बारे में सोचने वाला नहीं था। पत्नी ने सरकार से मदद भी मांगी लेकिन कोई उचित सुनवाई नहीं हो पाई। मध्यप्रदेश के देपालपुर तहसील के बेतमा गांव के लोगों ने शहीद जवान मोहन सिंह के परिवार के लिए जो भी किया है वो एक मिसाल कायम करने वाला काम है। दरअसल कुछ नवयुवकों ने पिछले कुछ सालों से देखा कि उन्हें उस टूटे हुए झोपड़े में गुजर बसर करना मुश्किल हो रहा है। तो उन्होंने इसके लिए सरकार को एक पत्र लिखा लेकिन कोई मदद नहीं मिली।
इसके बाद पिछले साल रक्षाबंधन के मौके पर सभी उनके झोपड़ी में गए और शहीद की पत्नी से राखी बंधवाई और कहा कि अगले साल एक खास तोहफे के लिए तैयार रहे। इसके बाद राखी के कुछ महीने पहले से ही घर बनवाने की तैयारी हो रही थी और स्थानीय लोगों ‘One Cheque-One Sign’ नाम का एक अभियान चलाया और करीब 11 लाख रुपये इकट्ठा कर लिए और एक आलिशान घर बनवा दिया। घर की कीमत 10 लाख रुपये है औऱ बचे हुए एक लाख से शहीद मोहन सिंह सुनेर का पुतला बनेगा। इस अभियान से जुड़े विशाल राठी ने बताया, ”इस घर को बनाने में 11 लाख की रकम इकट्ठा की थी और हमने ये घर शहीद की पत्नी को रक्षाबंधन के साथ ही स्वतंत्रता दिवस पर भेंट किया है। शहीद की पत्नी ने हमें राखी बांधी और हमने उन्हें घर की चाबी दी। अब बची हुई रकम से हम लोग शहीद का पुतला बनवाएं और जिस स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की थी उस स्कूल का नाम भी उनके नाम पर रखेंगे, जिससे उनके बच्चे शान से जी सकें।”
खास अंदाज में हुआ शहीद की पत्नी का गृहप्रवेश
#WATCH Indore: Youth in Betma village presented new house y’day to wife of soldier Mohan Singh(who lost his life in 1992 in Assam).She had been living in ‘kuccha’ house till now. They also placed their hands on the ground in respect to help her enter the house for the first time pic.twitter.com/wp3mSM3lWZ
— ANI (@ANI) August 16, 2019
आप इस वीडियो में देख सकते हैं कि शहीद की पत्नी का गृह प्रवेश लोगों ने कैसे कराया। सभी ने अपना-अपना हाथ जमीन पर बिछा दिया और उसपर चलते हुए वो महिला घर तक पहुंची। आपको बता दें कि बीएसएस जवान मोहन सिंह सुनेर त्रिपुरा बॉर्डर पर तैनात थे और वहां दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हुए। इनके शहीद होने के बाद इनकी पत्नी को 700 रुपये पेंशन दी जाने लगी लेकिन इतने में तीन लोगों का गुजारा मुश्किल था। आसपास के लोगों ने उनकी शहादत का सम्मान करते हुए उनके परिवार को घर बनवाकर दिया है। अब देखते हैं कि सरकार इस परिवार के लिए क्या करती है।