The Vegetarian Crocodile Babiya Who Guards A Temple In Kerala: भारत विविधताओं का देश है और यहां के धार्मिक स्थल व कई प्रसिद्ध जगह ऐसी हैं, जो अपनी अनोखी मान्यताओं व रहस्यों के कारण विश्व भर में जानी जाती है और लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। ऐसी ही एक जगह है केरल के कासरगोड जिले में स्थित अनंतपुर मंदिर, जो वहां के पहरेदार शाकाहारी मगरमच्छ के रहस्य से जुड़ी है।
कहां है यह अनोखा मंदिर?(The Vegetarian Crocodile Babiya Who Guards A Temple In Kerala)
दरअसल, केरल के अनंतपुर मंदिर को पद्मनाभस्वामी मंदिर (तिरुवनंतपुरम) का मूलस्थान कहा जाता है। मान्यता है कि इसी स्थान पर ‘अनंतपद्मनाभा’ की स्थापना हुई थी। यह मंदिर जिस झील के बीच में स्थित है, वहां “बबिया” (Babiya)नाम का एक शाकाहारी मगरमच्छ(Vegetarian Crocodile) रहता है, जिसे मंदिर का पहरेदार कहा जाता है।
यहां आने वाले लोगों के लिए यह देखना काफी दिलचस्प होता है कि जहां आमतौर पर दूसरे मगरमच्छ खुंखार मासाहारी होते हैं, वहीं बबिया बेहद शांत है व केवल मंदिर का प्रसाद ही ग्रहण करता है। कहा जाता है कि वह झील की अन्य मछलियों को कभी नुकसान नहीं पहुंचाता।
स्थानीय लोगों की माने तो बबिया खाने में मंदिर का प्रसाद ग्रहण करता है. उसे हर रोज पूजा के बाद दो बार प्रसाद खिलाया जाता है. जब पुजारी बुलाते हैं तो वो झील से बाहर आ जाता है. इस शाकाहारी प्रसाद में पके हुए चावल और गुड़ शामिल होता है.
प्रचलित हैं मगरमच्छ की कई कहानियां(Vegetarian Crocodile Babiya)
इस मगरमच्छ के मंदिर की झील में होने के कई कारण और कहानियां बताई जाती हैं।
- पहली – कहते हैं कि एक बार श्री विल्वामंगलथु स्वामी भगवान विष्णु को ख़ुश करने के लिए तपस्या कर रहे थेकि अचानक भगवान कृष्ण बाल अवतार लेकर वहां पहुंच गए और उनकी परीक्षा लेने के लिए उन्हें तंग करने लगे। श्री स्वामी ने तंग आकर बच्चे को एक ओर हटा दिया। जब तक वे अपनी भूल का एहसास कर पाते तब तक भगवान कृष्ण एक गुफ़ा में जा चुके थे। मान्यता है कि वह गुफ़ा इसी मंदिर में कहीं स्थित है, जिसकी रखवाली यह मगरमच्छ कर रहा है।
- दूसरी – दूसरी कहानी के मुताबिक क़रीब 70 साल पहले, एक ब्रिटिश सैनिक ने यही पर एक पहरेदार मगरमच्छ को मार दिया था, जिसके बाद सांप के काटने से उस सैनिक की भी मृत्यु हो गई थी। कहते हैं कि नाग देवता अनंत ने सैनिक के जघन्य अपराध के लिए उसे दंडित किया था। हैरानी की बात यह है कि वहां दोबारा से एक मगरमच्छ आ गया था।
ऐसा कहा जाता है कि जब भी एक मगरमच्छ की मृत्यु हो जाती है तो दूसरा मगरमच्छ अपने आप आ जाता है। हालांकि इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं है, लेकिन कहते हैं कि मगरमच्छ मंदिर(Vegetarian Crocodile Babiya) के तालाब में 70 वर्षों से भी अधिक समय से रह रहा है और उसने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।
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इन कहानियों में कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जनता लेकिन निश्चित तौर पर ये काफी दिलचस्प हैं। यदि आप कभी केरल जाएं, तो इस मंदिर की झील में बबिया को तैरते हुए ज़रूर देखकर आएं।